आखिर भगोड़े घोषित किये विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी ब्रिटिश सरकार ने दी है। उसे अपील करने के लिए १४ दिन का वक्त दिया गया है। माल्या भाजपा सरकार के ही समय बैकों के साथ फर्जीवाड़े के बाद लन्दन भाग गया था।
माल्या कानूनी नियमों का सहारा लेते हुए लन्दन में रहने की कोशिश कर रहा था। हालाँकि ब्रिटिश सरकार ने उसके प्रत्यार्पण को मजूरी देकर उन्हें झटका दिया है। प्रत्यर्पण को मंजूरी मिलने के बाद माल्या को लंदन की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए १४ दिन का समय मिला है।
ब्रिटिश सरकार की ओर से माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर इसे मोदी सरकार की बड़ी सफलता बताते हुए विपक्ष का हमला किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार माल्या को भारत लाने के रास्ते में एक और कदम आगे बढ़ चुकी है। जबकि दूसरी तरफ शारदा चिटफंड के घोटालेबाजों को बचाने के लिए विपक्ष लामबंदी कर रहा है।
गौरतलब है कि माल्या नौ हजार करोड़ का बैंकों का कर्ज़दार है। उसके खिलाफ १८ अप्रैल, २०१६ को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था हालांकि वह इससे पहले मार्च के महीने में ही देश छोड़कर फरार हो गया था। माल्या पर शिकंजा कसने के लिए भारत सरकार की ओर से तमाम कोशिशें की गईं। उनको कोशिशों में ही उसे २०१८ में आर्थिक भगोड़ा घोषित किया गया था।