भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर ब्रिटन चले गए शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को लन्दन के कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। माल्या को इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए १४ दिन का समय दिया गया है।
इस तरह सोमवार को लन्दन कोर्ट से माल्या को बड़ा झटका लगा है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में जज एम्मा अर्बथनॉट ने यह फैसला सुनाया। भारत में सीबीआई ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। माल्या के प्रत्यर्पण का मामला सेक्रटरी ऑफ स्टेट (होम अफेयर्स) साजिद जाविद के पास भेज दिया गया है।
किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे माल्या पर करीब ९,००० करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है। पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है। अगुस्टा वेस्टलैंड केस में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित कर पिछले हफ्ते ही भारत लाया जा चूका है। कुछ ही दिन पहले माल्या ने मूल राशि का १०० प्रतिशत लौटाने की पेशकश की थी।
सोमवार का फैसला आने के बाद माल्या के मामले को ब्रिटेन के गृह विभाग के पास भेज दिया गया है और अब देश के गृह मंत्री को इस पर फैसला लेना है। माल्या १४ दिन के भीतर इस फैसले को ब्रिटिश उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।
माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। फैसले से पहले माल्या ने ट्वीट कर कहा – ”मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया। कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था। कारोबारी विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है। गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए।”