लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित की याचिका को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने खारिज करते हुए २००८ के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोप तय कर दिए हैं। पुरोहित के अलावा साध्वी प्रजा और पांच अन्य आरोपियों पर भी आरोप तय किए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई अब दो नवंबर को होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एनआईए की विशेष अदालत ने मालेगांव बम विस्फोट के मामले में सभी सात आरोपियों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। इस मामले में सातों आरोपियों पर आतंकवादी साजिश रचने सहित हत्या और अन्य अपराध के आरोप दर्ज हैं।
इन सभी आरोपियों पर भादंस की गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और भादंस की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई अब दो नवंबर को होगी। न्यायाधीश वीएस पडलकर ने अपने फैसले में कहा कि सभी आरोपियों पर अभिनव भारत संस्था बनाने और २००८ में मालेगांव धमाका करने का आरोप है जिसमें छह लोग मारे गए थे। सितंबर २००८ हुए इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई थी १०० से अधिक घायल हुए थे।