बसपा प्रमुख मायावती, जो हाल के महीनों में भाजपा के साथ काफी नरम दिखी हैं, ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव पर मचे घमासान के बीच सात बागी बसपा विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राज्य सभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के खिलाफ इन विधायकों पर पार्टी से बगावत का आरोप लगाया गया है। चुनाव में उम्मीदवार उतारने के बाद यह चर्चा तेजी पकड़ गयी है किमायावती भाजपा के अन्य उम्मीदवारों को समर्थन देने के एवज में अपना एक उमीदवार जिताने की रणनीति पर काम कर रही हैं।
बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा की रिपोर्ट मायावती को मिलने के बाद गुरुवार को उन्होंने अपने 7 विधायकों को बसपा से निलंबित कर दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने यह ऐलान करते हुए यही भी कहा कि वो सपा को हराने के लिए ताकत लगा देंगी, चाहे विधायकों को भाजपा समेत किसी भी विराेधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों न देना पड़े।
मायावती ने अपने जिन विधायकों को पार्टी से बाहर किया है उनमें असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल ( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) हैं। यह माना जाता है कि यह सभी सात विधायक मायावती के भाजपा को समर्थन देने और उससे समर्थन लेने के फैसले के सख्त खिलाफ थे।
उधर आज मायावती ने कहा – ‘हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं। हम पर लगे सभी आरोप गलत हैं। साल 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी। सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ। सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था।”
मायावती ने विधायकों को लेकर कहा कि 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे।