कमलनाथ की कोशिशों के बूते मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बहुमत लायक सीटें हासिल कर ली हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने एमपी में कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर दिया जिससे ११४ सीटें जीतने वाली कांग्रेस के पास बहुमत हो गया है। चार निर्दलीयों ने भी कमलनाथ देने के ऐलान किया है। इस तरह एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने का रास्ता साफ़ हो गया है। पहले भाजपा ने जोड़-तोड़ की कोशिश की थी लेकिन मायावती की प्रेस कांफ्रेंस होते ही उसने हार मान ली।
सम्भावना है कि एमपी में कमलनाथ मुख्यमंत्री होंगे। वहां ज्योतरादित्य सिंधिया भी रेस में हैं। उधर राजस्थान में जिस तरह निर्दलीय कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं उससे लगता है कि वहां अशोक गहलोत का पलड़ा भारी लगता है हालाँकि सचिन पायलट भी दौड़ में हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने ११४ सीटें अपने बूते जीतें और बहुमत से २ कम रह गईं। वहां पार्टी ने पहले ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से दवा पेश करने का वक्त मांग लिया है जो उन्हें मिल भी गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी आज शाम भोपाल आ रहे हैं जो नेता के नाम का ऐलान कर सकते हैं।
एमपी के मुख्यमंत्री शिव राज चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पीएम मोदी ने रात को ही कांग्रेस को जीत की बधाई दे दी थी। सम्भावना है की एमपी में सबको मिलकर कांग्रेस का कुल जोड़ १२१ तक पहुँच जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है। वहां कांग्रेस को रेकार्ड तोड़ ६८ सीटें मिली हैं।
राजस्थान में भी अशोक गहलोत ने नतीजे आने शुरू होते ही जीत सकने वाले निर्दलीयों से संपर्क साधना शुरू कर दिया था। उनके संपर्क में हालाँकि कांग्रेस को वहां अपने बूते नाहूमत की सीटें मिल गयी हैं।
एमपी में कांग्रेस ११४, भाजपा १०९ और अन्य ७, राजस्थान में कांग्रेस १००, भाजपा ७२ और अन्य २७, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ६८, भाजपा १५, जेसीसी ७, अन्य ८, टीआरएस ८८, कांग्रेस २१, बीजीपी १, अन्य ९, मिजोरम में एमएनएफ २६, कांग्रेस ५, भाजपा १ और अन्य ८ विधायक जीते हैं।
तेलंगाना में टीआरएस जबकि मिजोरम में एमएनएफ की सरकार बनने जा रही है।