विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी शोर-शराबे की वजह से दोपहर 12 बजे तक के लिए टालनी पड़ी। इसके बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक ही चलना है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी कहा कि वह संसद में कार्यवाही न होने से दुखी हैं। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र में महज 22 फीसदी ही काम हो सका है। सत्र में कुल 20 विधेयक ही पारित किए गए। इस दौरान राज्यों को ओबीसी सूची के अधिकार वाला विधेयक भी पास कराया गया। इसी विधेयक पर सरकार को विपक्ष का साथ मिला। इसके अलावा ज्यादातर विधेयक बिना किसी चर्चा और बहस के मिनटों में हंगामे के बीच पारित करा लिए गए।
बता दें कि संसद में पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों की वापसी को लेकर इस बार शुरू से ही विपक्ष ने सख्त रुख अख्तियार किए रखा और संसद की कार्यवाही को चलने नहीं दी। वहीं सरकार भी अपने रुख पर अड़ी रही और न तो पेगासस जासूसी पर न ही कृषि कानूनों पर किसी भी तरह की चर्चा को तैयार हुई। मंगलवार को तो राज्यसभा में कुछ ज्यादा ही हंगामा हो गया और कुछ सांसद तो वेल में आने के बाद कुर्सी पर चढ़ गए और रूल बुक को नीचे फेंक दिया।
राज्यसभा में इस रुख से सभापति वेंकैया नायडू बुधवार को भावुक हो गए। उन्होंने सदन में विपक्ष के बर्ताव की निंदा की। उन्होंने कहा कि संसद में जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं। कल जब कुछ सदस्य टेबल पर आए, तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरी रात नहीं सो पाया। सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू बीते मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा करने वाले और आसन की तरफ रूल बुक फेंकने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।