किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के दो साल होने के अवसर पर देश भर में आज राजभवनों पर मार्च निकाले रहे हैं। विभिन्न किसान संघ इसमें हिस्सा ले रहे हैं। याद रहे एक साल तक चले आंदोलन को पिछले साल मोदी सरकार की तरफ से मिले आश्वासनों के बाद स्थगित कर दिया गया था। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य का भरोसा भी था।
अब कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसान आंदोलन के दो साल के मौके पर देश भर में राजभवनों तक मार्च निकालें रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। किसान संघों के मुताबिक सरकार ने उनका आंदोलन ख़त्म करने के समय कई मांगें पूरी करने का बचन दिया था लेकिन उनमें से कई पूरी नहीं की गयी हैं।
किसान संघों के मुताबिक इसी के विरोध में आज मार्च निकालकर किसान अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। किसान नेताओं ने दावा किया कि सरकार ने उन्हें लिखित में भरोसा दिया था कि वह चर्चा करके फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून लाएगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मुताबिक सरकार ने किसानों को लिखित में भरोसा दिलाया था। कई पर सहमति बनी थी। लेकिन पिछले एक साल में इस दिशा में कुछ नहीं किया गया।
किसान संघों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने साबित कर दिया है कि वह किसान विरोधी है। उसने देश के किसानों को धोखा दिया है क्योंकि वे कॉरपोरेट्स के हितों की रखवाली कर रही है।