पुरु षों का अनुसरण करते हुए भारतीय महिला हाकी टीम ने भी एशिया कप हाकी पर कब्ज़ा जमा लिया। उन्होंने हर मैच में एक से जोश और जनून का प्रदर्शन किया। पूल मैचों में जैसे भारतीय लड़कियों के सामने कोई चुनौती थी ही नहीं। उन्होंने पहले मैच में सिंगापुर की कमज़ोर टीम को 10-0 से परास्त कर अच्छी शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने चीन की मज़बूत मानी जाती टीम पर 4-1 से जीत दर्ज कर सभी को हैरान कर दिया। इस मैच में गुरजीत कौर ने 19वें मिनट में, नवजोत कौर ने 32वें, नेहा गोयल ने 49वें मिनट और टीम की कप्तान रानी रामपाल ने 58वें मिनट में गोल किए। चीन का एक मात्र गोल क्युशिया कुई ने पेनाल्टी कार्नर में 38वें मिनट में दागा। भारत ने 19वें मिनट में गुरजीत कौर के गोल से बढ़त ली जिसे नवजोत ने 32वें मिनट में दोगुना कर दिया (2-0) आधे समय के कुछ देर बाद 38वें मिनट में क्युशिया कुई के पेनाल्टी कार्नर के गोल की बदौल इस बढ़त को कम कर दिया (1-2)। इसके बाद भारतीय लड़कियों ने चीन को अपने गोल पर निशाना नहीं साधने दिया और दो गोल और दाग कर स्कोर अपने हक में 4-1 में पहुंचा दिया।
इससे अगला मैच भारत का कज़ाकिस्तान के साथ था। इसमें उसे कुछ ज्य़ादा ज़ोर नहीं लगाना पड़ा। यहां भारतीय टीम 7-1 से विजयी रही। अपने अंतिम मुकाबले में भारत की टक्कर मलेशिया के साथ थी। यह मैच वह 2-0 में जीत गया। इस प्रकार उसने अपने मूल में सभी चार मैच जीत का पूरे 12 अंक हासिल किए। उन्होंने इन चार मैचों में 23 गोल किए और केवल दो गोल खोए।
सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला पिछली विजेता और सबसे मज़बूत टीम जापान से हुआ। इस मैच में भारत की सही फार्म नज़र आई और उसने आक्रामक हाकी खेलते हुए जापान को 4-2 से परास्त कर फाइनल में जगह बना ली। भारत के लिए गुरप्रीत कौर, नवजोत कौर लालरेममियामी ने गोल बनाए।
चीन के खिलाफ भारत का फाइनल मैच देखने योग्य था। हालांकि मूल मैच में भारत चीन को 4-1 से हरा कर अपनी धाक जमा चुका था और मनोवैज्ञानिक रूप से ज्य़ादा प्रबल लग रहा था, पर चीन भी बदला लेने की नियत से उतरा था। दोनों टीमों ने सर्वश्रेष्ठ हाकी का प्रदर्शन किया। भारत के लिए पहला गोल नवजोत कौर ने 25वें मिनट में किया। इसे 47वें मिनट में चीन की नियनतियान लुओ ने पेनाल्टी कार्नर पर बनाया (1-1)। मैच शूट आउट पर चला गया। भारत के लिए उसकी गोलकीपर सविता नायक साबित हुई। कप्तान रानी रामपाल ने देश के लिए दो और मोनिका, लिलिमा मिंज और नवजोत कौर ने एक-एक गोल किया। इस प्रकार भारत ने यह मैच 5-4 से जीत कर एशिया कप अपनी झोली में डाल लिया।
इस जीत से भारत की टीम मैरिट के आधार पर अगले वर्ष होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी कर गई। भारतीय गोल रक्षक सविता को सर्वश्रेष्ठ गोल रक्षक चुना गया।