24 घंटे।सोमवार सरकार ! न्योता शिवसेना को।

समर्थन जुटाने संजय राउत दिल्ली!

बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से इंकार करने के चलते गवर्नर भगत सिंह नए सेकंड लार्जेस्ट पार्टी होने के नाते शिवसेना से सरकार स्थापना करने कहा है। सरकार बनाने के लिए शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन की जरूरत है।खबर है कि समर्थन जुटाने के लिए शिवसेना सांसद संजय राऊत, NCP chief शरद पवार और कांग्रेस की चीफ सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचेंगे।

खबरों है कि शरद पवार आज कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। संजय राउत की कोशिश है कि वह शरद पवार से मुलाकात करें। राउत चाहते हैं कि वह समर्थन जुटाने के सिलसिले में सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सके। शरद पवार के साथ उन्हें सोनिया को कन्वींस करने में आसानी होगी। सूत्रों का मानना है शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच मीटिंग कराने में संजय राउत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गौरतलब है कि राउत पहले भी दो बार शरद पवार से मिलने उनके निवास स्थान सिल्वर ओक में मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि उस वक्त उन्होंने इस मुलाकात को कर्टसी विजिट कहा था। खबर य भी है कि उद्धव ठाकरे और सरकार के बीच टेलिफोनिक वार्ता हो चुकी है।

महाराष्ट्र की तेरहवीं विधानसभा के कार्यकाल के साथ-साथ महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस का कार्यकाल भी पूरा हो गया है। फड़नवीस फिलहाल केयरटेकर चीफ मिनिस्टर के तौर पर हैंं। सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के नाते महाराष्ट्र के गवर्नर कोश्यारी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। बीजेपी ने सरकार बनाने में असमर्थता जाहिर की और सरकार बनाने का न्योता सेकंड लार्जेस्ट पार्टी होने के नाते अब शिवसेना को मिला है। शिवसेना को 288 मेंं से56 सीटें मिली हैंं। सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत है शिवसेना को 8 इंडिपेंडेंट और एक अन्य पार्टी के विधायक का समर्थन प्राप्त है कुल मिलाकर शिवसेना के पास 64 विधायक हैं शिवसेना को फिलहाल 80 विधायकों की जरूरत है यदि शिवसेना को एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकों का समर्थन मिल जाताा है तो तीनों पार्टियों की विधायकों की संख्या 162 हो जाती है।

यदि एनसीपी कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है तो

*पर्याय 1*

*शिवसेना : इंडिपेंडेंटस के समर्थन के साथ (64) + काँग्रेस (44) + एनसीपी (54) = 162 बविआ (3) + समाजवादी पार्टी (02) + स्वाभिमानी पार्टी (01) 162+06 = 168*
*बहुमत के लिए संख्याबल – 145**

पर्याय 2*

* यदि एनसीपी समर्थन देती है और कांग्रेस तटस्थ रहती है तो फ्लोर में संख्या बल 288 – 44 = 224

शिवसेना : इंडिपेंडेंटस के समर्थन के साथ (64) +
एनसीपी (54)+ काँग्रेस समर्थक इंडिपेंडेंट (04) =
122
*बहुमत के लिए संख्याबल – 123*

यह यह बात दीगर है कि एनसीपी और कॉन्ग्रेस बार-बार इस बात की दुहाई देती रही है कि उन्हें जनादेश विपक्ष में बैठने का मिला है फिर भी एनसीपी ने इस बात पर भी सहमति जताई थी कि यदि शिवसेना, बीजेपी से अपने संबंध तोड़ देती है तो वह उसे समर्थन देने की सोच सकती है।

चूंकि इसे पहले शिवसेना के पास एनसीपी से समर्थन मांगने के लिए कोई ठोस आधार नहीं था इसलिए एनसीपी बहुत गंभीर नहीं थी। लेकिन अब जबकि शिवसेना को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए कहा गया है ऐसे में एनसीपी ने शिवसेना के सामने शर्त रखी है कि समर्थन के लिए शिवसेना को बीजेपी से संबंध तोड़ना होगा व केंद्र में शिवसेना के मंत्री को इस्तीफा देना होगा।

कांग्रेस में भी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर दो गुट बन चुके हैं। फिलहाल मामला एक बार फिर दिल्ली पहुंच गया है और समर्थन पाने के लिए शिवसेना नेता संजय राउत भी। फिलहाल इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए यह समीकरण सफल हो जाए। आज शाम 7:30 बजे तक शिवसेना को अपना पक्ष पेश करना है।