महाराष्ट्र में 10 रुपये का शिवभोजन और एक रुपये वाला ‘झुणका भाकर’

क्या है झुणका भाकर

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के माह भीतर ही शिवसेना की दस रुपये में पौष्टिक भोजन मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना मूर्त रूप लेने लगी है।

गौरतलब है कि शिवसेना अपने शासनकाल में एक बार पहले भी जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार के तौर पर एक रुपए में ‘झुणका भाकर’ योजना शुरु करवा चुकी है।

आबकी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार राज्य में गरीब जरूरतमंद लोगों को ₹10 उपलब्ध कराने की योजना को मंत्रिमंडल की हरी झंडी मिल गई है। इस योजना के पहले चरण के तहत प्रायोगिक तौर पर प्रतीक जिला मुख्यालय कम से कम एक भोजनालय एवं प्रत्येक भोजनालय में कम से कम 500 थाली मंजूरी सरकार को दे दी है। इस योजना के लिए 6 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च अपेक्षित है। सरकार की ओर से शुरू किए गए भोजनालय में 30 ग्राम की दो रोटी, 100 ग्राम एक कटोरी सब्जी, 150 ग्राम भात और 100 ग्राम की एक कटोरी दाल से भरी शिवभोजन की थाली सिर्फ 10 रूपए में दी जाएगी। यह भोजनालय दोपहर 12 से2 बजे तक शुरू रहेगा।

सब्सिडी देगी सरकार

‘शिवभोजन’ थाली की कीमत शहरी क्षेत्र में प्रतिथाली 50 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 35 रुपए होगी। प्रत्येक ग्राहक से सिर्फ 10 रुपए लिए जाएंगे। शेष रकम अनुदान के रूप में सीधे जिलाधिकारियों के जरिए संबंधितों वितरित की जाएगी। शहरी क्षेत्र के लिए प्रतिथाली 40 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रतिथाली 25 रुपए अनुदान मिलेगा।

कौन शुरू कर सकता है भोजनालय

शिव भोजनालय शुरू करने के लिए इच्छुक व्यक्ति की खुद की पर्याप्त जगह होना जरूरी है। योजना चलाने के लिए वर्तमान में शुरू होटल, महिला बचतगट, भोजनालय, रेस्टॉरंट, गैरसरकारी संस्था इनमें से सक्षम ऐसे भोजनालय का चयन किया जाएगा। इसके लिए महापालिका स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में और तहसील स्तर पर तहसिलदार की अध्यक्षता में समिति स्थापित की जाएगी। गरीब तथा मजदूरों की अधिक जनसंख्या वाले इलाकों के अलावा जिला अस्पताल, बस स्टेशन , रेलवे स्टेशन परिसर, मार्केट (हाट बाजार), सरकारी कार्यालय जैसे जगहों पर यह भोजन सुविधा मुहैया करवाने की योजना है ।

स्वयंसेवी संस्थाएं भी होगी शामिल

योजना पर नियंत्रण, पर्यवेक्षण रखने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति रहेगी। यह समिति सभी पर्यायों पर विचार कर इस योजना का अगला चरण तय करने के लिए कार्यवाही करेगी। साथ ही सेंट्रल किचन, स्वयंसेवी संस्था, सार्वजनिक न्यास एवं सीएसआर और वीएसटीएफ आदि को शामिल करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा और सरकार की सहभागिता के बारे में तय करेगा। इसके अलावा यह योजना शाश्वत और अधिक दिनों तक चल सकने के लिए यह समिति क्रॉस सबसिडी एवं सार्वजनिक- निजी भागीदारी के तत्वों का भी उपयोग करने पर ज़ोर देगी।

नयी नहीं है भोजन योजना

गौरतलब है कि इसके पहले शिवसेना ने अपने शासनकाल में एक रुपए में झुणका भाकर देने की योजना शुरू की थी। ₹1 में झुणका भाखर स्कीम को अच्छा प्रतिसाद मिला था लेकिन शिवसेना सरकार के चले जाने के बाद इस योजना ने दम तोड़ दिया। हालांकि मुंबई में काफी सालों तक 2-3 झुंणका भाकर केंद्र चलते रहे लेकिन बाद में वे भी बंद हो गये।

झुणकाभाकर

_यह महाराष्ट्र का एक पारंपरिक मुख्य डिश है। दरअसल यह भोजन महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में खाया जाता है। किसानों , गरीब व मजदूरों के लिए एक सस्ता और पौष्टिक भोजन के तौर पर देखा जाता है। ऐसा नहीं ऐसा नहीं है कि इसे सिर्फ मजदूर और किसान वर्ग ही खाता है। झुणका भाकर अब शहरों में भी महाराष्ट्रीयन स्पेशल डिश के तौर पर महंगे होटलों के मेन्यू में शामिल है।_

झुणका बेसन के घोल से तैयार किया जाता है। साथ ही इसमें राई, अदरक, लहसुन और प्‍याज का तड़का भी लगाया जाता है। इसे बाजरे या ज्‍वार की रोटी जिसे भाकरी कहते हैं, के साथ खाते हैं।