आखिर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता लगभग साफ़ हो गया है। शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल कोशियारी से मिलने जाएगा। इस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक यह सभी दल अपने-अपने विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे।
आज सुबह दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। इसमें महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ सरकार बनाने को लेकर चर्चा हुई। उसके बाद ही यह खबर आई है कि तीनों दल के नेता शनिवार को राज्यपाल से मिलेंगे। इन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय माँगा है।
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक तीनों दलों में मंत्रालयों, पदों और साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर बात लगभग पूरी हो गयी है और सं चीजें तय कर ली गयी हैं। बहुत ज्यादा सम्भावना है कि शिव सेना का मुख्यमंत्री होगा पहले बनेगा और यह उद्धव ठाकरे होंगे।
एनसीपी और कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री के पद मिल सकते हैं। हो बारी-बारी से हो सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष शिव सेना का नहीं बल्कि कांग्रेस या एनसीपी में के किसी एक का होगा। उच्च अहम महकमे भी एनसीपी और कांग्रेस को मिलेंगे।
इससे पहले बुधवार को किसानों की मांगों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार किसानों की मांगों को लेकर बुधवार को पीएम मोदी से मिले थे जिससे कयासों का दौर शुरू हो गया था। पवार-मोदी मुलाकात के बाद शाम को दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच बैठक भी हुई थी।
फिर शाम को दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच मुलाकात में अहमद पटेल, वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण मौजूद रहे थे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा – “कांग्रेस-राकांपा के बीच विस्तृत और सकारात्मक बातचीत हुई है जो आगे भी जारी रहेगी। हमें उम्मीद है कि हम सभी जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने में सफल होंगे।”