महीनों भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधने के बाद सोमवार को शिव सेना ने भाजपा से अगले लोक सभा चुनाव के लिए दुबारा प्यार का बंधन बाँध लिया। भाजपा ४८ में से २५ और शिव सेना २३ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मुंबई में कुछ देर चली बैठक के बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में दोनों ने सीएम देवेंदर फडणवीस की उपस्थिति में इसका ऐलान किया। पिछली बार शिव सेना ने इसी गठबंधन में २२ सीटों पर चुनाव लड़ा था। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि गठबंधन ४५ सीटें जीतेगा। पिछली बार दोनों ४० सीटें जीते थे।
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस गठबंधन पर कहा कि पिछले पांच साल में शिव सेना ने पीएम मोदी की निंदा करने में कोइ कसर नहीं छोड़ी और अब फिर दोनों गले मिल रहे हैं। ”इन पांच सालों में राज्य के लोगों का दोनों की खींचतान के कारण के कारण बहुत नुक्सान हुआ है। उन्होंने सेना से कहा कि उसे अब बताना चाहिए कि उसने मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार पर इतने महीनों में जो आरोप लगाए उनपर उसका क्या विचार है।
शाह ने इस मौके पर कहा कि दोनों दलों के सैद्धांतिक विचार आपसस में मेल खाते हैं लिहाजा हम स्वभाविक साथी हैं। इन मुद्दों में राम मंदिर से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई भी शामिल है। सीएम फडणवीस की ताऱीफ करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने सहयोगी शिव सेना के साथ मिलकर प्रदेश के लोगों को बेहतर शासन दिया है। दोनों में विधानसभा चुनाव के लिए भी यह सहमति बनी है की वे बराबर बराबर सीटों पर लड़ेंगे।