एक ही रात में महाराष्ट्र की राजनीति बदल गयी। जो सत्ता में आने वाले थे वे विपक्ष में चले गए हुए शिव सेना का अपना मुख्यमंत्री होने का सपना किसी कच्चे कांच की भांति बिखर गया। सिर्फ १० घंटे में बदली राजनीति का यह असर है कि वहां अब भाजपा-एनसीपी (अजित पवार) की सरकार बन गयी है। शरद पवार ने ट्वीट करके ”ऑन रेकार्ड” कहा है कि इस सरकार को एनसीपी का समर्थन नहीं है और यह अजित पवार का निजी समर्थन है। ऐसा लगता है कि एनसीपी टूट गयी है।
आज हलांकि, पवार और उद्धव ठाकरे साझी प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं। शिव सेना ने कहा है कि शरद पवार ने धोखा नहीं किया है बल्कि अजित पवार ने धोखा किया है। कल जिस तरह राज्यपाल का अचानक दिल्ली जाना रद्द हो गया था उसके बाद यह कहा गया था कि चूँकि शनिवार को शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस के नेता उनसे मिलने वाले हैं इसलिए उनका दिल्ली जाना रद्द हुआ। लेकिन अब समझ आ रहा है कि भाजपा इसकी तैयारी इतनी गुपचुप तरीके से कर रही थी कि शरद पवार और अहमद पटेल जैसे राजनीति के चतुर खिलाड़ी भी गच्चा खा गए।
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो दशक पहले इसी तरह की राजनीति बुनकर हिमाचल प्रदेश में सुख राम की हिमाचल विकास कांग्रेस के चार विधायकों को सुख राम के ही सहयोग से भाजपा में मिला लिया था और प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनी थी।
अब महाराष्ट्र में जो हुआ है उससे हर कोइ हैरान है। शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि उन्हें अजित पवार की भूमिका पर शुक्रवार शाम शक हुआ था क्योंकि वे अचानक मीटिंग से चले गए थे ”वे नजर से नजर मिलकर बात भी नहीं कर रहे थे जिससे हमें कुछ आशंका तो हुई थी।”
महाराष्ट्र के इस बड़े सियासी उलटफेर में भाजपा-एनसीपी की सरकार बन गयी है। देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं जबकि एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। रातों-रात बदले इस सियासी घटनाक्रम से हर कोइ हैरान रह गया है।
शुक्रवार शाम तक शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस की मिली जुली सरकार बनना लगभग तय था और आज इन दलों के नेताओं को राज्यपाल से मिलना था। लेकिन एक ही रात में सबकुछ बदल गया। शरद पवार ने कुछ देर पहले एक ब्यान में कहा है कि उन्हें नहीं पता यह कैसे हुआ। कहा एनसीपी का इस सरकार को समर्थन नहीं हुआ। हालांकि कांग्रेस ने शरद पवार पर विश्वासघात का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी के गठबंधन की सरकार का किसी ने सपना तक नहीं लिया था लेकिन सब कुछ बदल गया। शिव सेना देखती ही रह गयी। शपथ के बाद फडणवीस ने कहा कि वे पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और जेपी नड्डा के आभारी हैं कि उन्हें एक बार और सीएम के रूप में अवसर दिया है।
खेल तब बदला जब एनसीपी के नेता अजित पवार ने अचानक भाजपा को समर्थन कर दिया। यह अभी साफ़ नहीं है कि क्या इस सारे घटनाक्रम को शरद पवार का भी समर्थन है।
आज सुबह फडणवीस ने राज्यपाल से भेंट की और बताया की भाजपा-अजित पवार के विधायकों के साथ वे सरकार बनाने की स्थिति में हैं। इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन ख़त्म कर दिया गया और राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी।
अभी यह साफ़ नहीं कि अजित पवार ने शरद पवार से धोखा किया है या शरद पवार का भी इस खेल को परदे के पीछे से समर्थन है।