महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही नौटंकी लगभग 2 सप्ताह के बाद अब थम गई सी लगती नजर आ रही है। बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया है कि शिवसेना के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बनाएगी। इस सिलसिले में बीजेपी स्टेट चीफ चीफ चंद्रकांत पाटील गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात करेंगे। आज महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं को लेकर हो रही मीटिंग चल रही है ऐसा जाहिर किया गया लेकिन असली चर्चा किसानों की समस्याओं को लेकर नहीं बल्कि बीजेपी शिवसेना के आपसी मतभेदों को सुलझाने को लेकर हुई। मीटिंग के बाद मुनगंटीवार का कहना था कि महाराष्ट्र की जनता ने जनादेश बीजेपी शिवसेना महागठबंधन को दिया था इसलिए वह अपने सहयोगी दलों के साथ ही सत्ता बनाएगी। हालांकि इस विषय पर शिवसेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बैठक में बीजेपी के आला नेताओं के साथ-साथ शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, रामदास कदम आला लीडरान शामिल थे। इसके पहले आज दिन भर बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की अलग-अलग मीटिंग का सिलसिला चलता रहा।
एनसीपी ने साफ-साफ कह दिया कि वह विपक्ष में बैठना पसंद करेगी क्योंकि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। ऑडियोलॉजी डिफरेंस इसके चलते हैं कांग्रेस के एक गुट ने शिवसेना से गठबंधन कर सरकार बनाने से इंकार कर दिया था। माना जा रहा है कि शरद पवार और सोनिया गांधी की मीटिंग में भी सोनिया ने इन संभावना पर नकारात्मक रुख अपनाया था। शरद पवार से बार-बार मीटिंग शिवसेना द्वारा बीजेपी पर दबाव डालने के लिए की जा रही रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।
यदि अगले 72 घंटों के भीतर बीजेपी, सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के चलते सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करती तो यह दावा शिवसेना के कोर्ट में होता। और यदि दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा नहीं पेश करती तो 9 तारीख को संवैधानिक तौर पर महाराष्ट्र की सरकार विसर्जित हो जाती और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता था।
इस पूरे परिपेक्ष में भले ही एनसीपी भले ही कहती रही कि उसे मौका मिलने पर वह सत्ता बना सकती है कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर, लेकिन उसके लिए यह संभव उस सूरत मे होता जब बीजेपी सत्ता बनाने का दावा कर फ्लोर में अपना बहुमत साबित करने में असफल हो जाती।
इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 शिवसेना को 56 कांग्रेस को एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी। गौरतलब है बीजेपी शिवसेना आरपीआई आदि पार्टियों ने मिलकर अपना एक महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था दूसरी ओर कांग्रेस एनसीपी ने महागठबंधन बनाकर चुनावी महासमर में कूदी थी।