महाराष्ट्र में बने लाखों बांग्लादेशियों के फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र

के.रवि (दादा)

 महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की कमी नहीं है। सूत्र ऐसा बताते हैं कि मुंबई में तो ख़ासतौर पर अवैध रूप से रहने वालों की आबादी बहुत ज़्यादा है। इसके साथ ही मुंबई में अनगिनत लोग बिना पहचान प्रमाण-पत्रों के रह रहे हैं। ऐसे लोगों की ज़्यादातर आबादी घनी आबादी वाले इलाक़ों में है। एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी में सबसे ज़्यादा बांग्लादेशी होने का अंदेशा है। पिछले साल चुनी गयी महायुति सरकार में देवेंद्र फडणवीस के कमान सँभालने के बाद पिछले दिनों विधानसभा में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर आवाज़ उठी। इसके बाद सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने का हुक्म दे दिया। महायुति सरकार में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने हाल ही में कहा है कि बांग्लादेशियों को लेकर सरकार के रुख़ में कोई नरमी नहीं आयी है। अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को सरकार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी।

हाल ही में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं। जैसे ही इसके बाद नासिक ज़िले की मालेगाँव तहसील में जन्म प्रमाण-पत्र बनाने में हो रही धाँधली की ख़बर मिलते ही राजस्व विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। लेकिन इस मामले के बाद अवैध रूप से घुसपैठ कर चुके बांग्लादेशियों के मामले ने तूल पकड़ लिया। पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाली पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि इस तहसील में फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्रों के आधार पर 3,977 बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के जन्म प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है।

भाजपा सूत्रों और ख़बरों की मानें, तो महाराष्ट्र में बीते साल मे ही 2.14 लाख से ज़्यादा बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं ने जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया था और अभी यह आवेदन का सिलसिला जारी है। किरीट सोमैया ने यहाँ तक कहा है कि संदिग्ध तरीक़े से क़रीब 1.13 लाख से ज़्यादा जन्म प्रमाण-पत्र इन बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के जारी हो चुके हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रोहिंग्याओं के फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्रों को जारी करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ख़्त कार्रवाई के आदेश दिये हैं। सोमैया ने दावा किया कि है कि सिर्फ़ जालना ज़िले में 7,957 फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं और इस ज़िले के भोकरदन तहसील में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के सबसे ज़्यादा आवेदन मिले हैं।

महायुति सरकार ने महाराष्ट्र में अवैध बंगलादेशियों और रोहिंग्याओं के साथ-साथ फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र बनाने वाले रैकेट को पकड़ने के लिए दो ज़िलों में दो एसआईटी दल बनाये हैं। हालाँकि हर ज़िले में एसआईटी के गठन की ज़रूरत है। ऐसी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि मुंबई में फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र बनने का काम महायुति सरकार में भी एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते ख़ूब हुआ है। सालोंसाल से मुंबई में रहने वाले बांग्लादेशियों के पास फ़र्ज़ी आधार कार्ड, फ़र्ज़ी वोटर कार्ड, फ़र्ज़ी इंडियन पासपोर्ट, फ़र्ज़ी राशन कार्ड, फ़र्ज़ी पेन कार्ड, फ़र्ज़ी मेरिज सर्टिफिकेट बने हुए हैं। ये लोग अपनी असली पहचान छुपाकर महाराष्ट्र, ख़ासतौर पर मुंबई में रहकर काम करते हैं और इनके पास बैंक अकाउंट, घर-मकान और डोमिसाइल सर्टिफिकेट भी हैं। अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने सैकड़ों की संख्या में फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र बरामद किये हैं।

बांग्लादेशियों और दूसरे अवैध लोगों के प्रमाण-पत्र बनाने का काम चाहे किसी भी सरकार में हुआ हो, पर अब ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें देश निकाला दिया जाना चाहिए, जिससे मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र से अवैध भीड़ को निकाला जा सके। पिछली सरकारों ने बिहार और यूपी के लोगों को लेकर तो सख़्ती दिखायी है, पर बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ लेकर कोई ख़याल किसी के मन में नहीं रहा, जिसका नतीजा यह हुआ कि इनकी आबादी पूरे महाराष्ट्र में लाखों में हो गयी। यह अच्छी बात है कि महायुति सरकार इनकी पहचान करके इनके फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र बनाने वालों की भी पहचान कर रही है। पर ख़ाली इतने से काम नहीं चलने वाला, इन अवैध घुसपैठियों को महाराष्ट्र सरकार के अलावा केंद्र सरकार को भी भारत से ही खदेड़ने का काम करना होगा। वैसे तो आये दिन पुलिस वाले बांग्लादेशियों को पकड़कर उनकी हद तक छोड़कर आने के प्रयास वर्षों से कर रहे हैं। पर मुंबई हो या महाराष्ट्र का कोई भी कोना हो, वहाँ से पुलिस जब बांग्लादेश की सीमा तक छोड़ने जाती है, तब पुलिस वालों को काफ़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। राज्य के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस कोई ऐसा मार्ग निकालें, जिससे पुलिस आसानी से बांग्लादेशियों को राज्य से खदेड़ सके और महाराष्ट्र की जनता के साथ-साथ पुलिस को भी राहत मिल सके।