महाराष्ट्र मेंं नयी सरकार के चाणक्य होंगे पवार !

एनसीपी के हवाले से मिली खबरों पर विश्वास करें तो महाराष्ट्र में अब सत्ता की बागडोर महाविकास आघाड़ी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के हाथ होगी। कैप्टन ऑफ द शिप शिवसेना का होगा लेकिन सेलिंग के लिए डिरेक्शन एनसीपी चीफ़ का ही होगा।

नये सत्ता समीकरण को लेकर दोनों दलों के बीच एकमत राय बन चुकी है। मुख्य तौर से मसला आइडिलॉजिकल डिफरेंसेस का था जो आपसी सहमति से निपटा लिया गया है।

तीनों दलों का सबसे बड़ा एजेंडा किसी भी हालत में बीजेपी को सत्ता से दूर रखना था और उसके सब दल अपने सिद्धांतों से समझौता करने के लिए तैयार हो गए। तीनों ही दल विधानसभा में अपने सीटों के हिसाब से मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सैद्धांतिक तौर पर एकमत हो चुके हैं।

कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मामला पहले ही सुलझ चुका है। शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर सॉफ्ट रहेगी। मुस्लिम तुस्टिकरण के चलते अब्दुल सत्तार , संजय राउत के साथ मीडिया पर एक्टिव हो गए हैंं।

चीफ मिनिस्टर के तौर पर उद्धव ठाकरे का नाम तय माना जा रहा है। हालांकि उद्धव के अलावा अनिल देसाई और एकनाथ शिंदे, अरविंद सावंत के नामों को पर्याय के तौर पर देखा जा रहा है। संजय राउत ने ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता चीफ मिनिस्टर के तौर पर उद्धव ठाकरे को देखना चाहती है मजेदार बात है कि संजय का नाम भी सीएम पद के लिए उछाला जा रहा है।

डेप्युटी सीएम के लिए कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के नामों की चर्चा थी लेकिन माना जा रहा है कि अब कांग्रेस से पूर्व चीफ मिनिस्टर इस पद को सुशोभित कर सकते हैं। एनसीपी से अजित पवार और सुप्रिया सुले के नामों की चर्चा थी। लेकिन माना जा रहा है कि उनके ‘शॉट टेंपर्ड’ होने की वजह एनसीपी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। भविष्य में मिली जुली सरकार में कई सेंसेटिव क्षण आ सकते हैं।हालांकि संभावना को खारिज़ नहीं किया जा सकता है।

सभी पार्टियों की मंशा होम,फिनांस, पीडब्ल्यूडी,रेवेन्यू, और अरबन डेवलपमेंट जैसे खास मिनिस्टरी की है।खबर है कि पहले तीन एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना को मिल सकते हैं।16,15और12 के रेशियो मेंं मिनिस्टरी का बंटवारा तय किया गया है। सत्ता गठन की कवायद के बीच सबसे अहम मसला है गवर्नर के पास जाकर सरकार गठन के दावे को पेश करना। अगले 24 घंटों में यह मामला सुलझा लिए जाने का दावा किया जा रहा है।
जहां एक ओर 20 साल के बाद शिवसेना और पहली बार ठाकरे परिवार का कोई व्यक्ति (उद्धव ठाकरे) संवैधानिक पद (सीएम) संभालने जा रहा है वहीं दूसरी ओर नई सरकार के गठन पर बीजेपी के सीनियर लीडर नितिन गडकरी ने कमेंट किया है ऐसी मौकापरस्त सरकार ज्यादा नहीं चल पाएगी! वही कांग्रेस के इस कदम से खफा संजय निरुपम ने इसे कांग्रेस का घातक कदम बताया है। ऐसे में उन्हीं की नाम राशि संजय राऊत का शेर बहुत कुछ बयान कर जाता है ‘कभी-कभी कुछ र‍िश्‍तों से बाहर आना ही अच्‍छा होता है। अहंकार के लिए नहीं…स्‍वाभिमान के लिए।’