महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने सत्तारूढ़ शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है। शिव सेना ने उन्हें आयोग्य घोषित करने की डिप्टी स्पीकर से मांग करते हुए उन्हें पत्र दिया था। डिप्टी स्पीकर ने इन सभी विधायकों से 27 जून को शाम 5.30 बजे तक जवाब देने को कहा है। इस बीच प्रदेश में राजनीतिक संकट लगातार बना हुआ है, हालांकि, अभी स्थिति साफ़ नहीं है।
डिप्टी स्पीकर के विधायकों को नोटिस में कहा गया है कि यदि यह विधायक जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और फिर आगे की प्रक्रिया के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।
बता दें शनिवार को शिव सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने पर भी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस जारी किया है साथ ही इन सभी को लिखित में भी जवाब देने को कहा गया है।
उधर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ आज छठे दिन भी गुवाहाटी में बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ इस सब के बीच शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शिवसेना मुख्यालय में शनिवार को हुई जिसमें चार प्रस्ताव पास किए गए हैं।
आपको बता दें, मुंबई में राजनीतिक उलटफेर के चलते एकनाथ शिंदे ग्रुप के बागी विधायकों के खिलाफ गुस्साए शिवसैनिक सड़कों पर उतर गए हैं। इन शिवसैनिकों ने तोड़-फोड़ की है और बागी विधायकों के पोस्टर जलाए हैं।
मुंबई में हालात को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी है जो कि 10 जुलाई तक लागू रहेगी। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीतिक लड़ाई चुनाव आयोग पहुंच गयी है। उद्धव ठाकरे ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि शिंदे गुट ‘बाला साहब’ और ‘शिवसेना’ का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकते।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे कल तक बागी विधायकों को बागी कह रहे थे किंतु आज उद्धव ठाकरे ने उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया है। साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि गद्दारों को अब कभी शिवसेना में वापस नहीं लिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में फूट का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया है। उन्होंने कहा बालासाहेब ठाकरे का नाम इस्तेमाल करने का हक किसी को नहीं है और एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है कि यदि उनमें हिम्मत है तो अपने बाप के नाम पर वोट मांग कर दिखाए।