महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी परियोजना जलयुक्त शिवार में हुए भ्रष्टाचार की जांच एसीबी द्वारा होगी।
पिछले दिनों विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने पुरंदर तहसील में लागू इस योजना में हुई भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। एनसीपी के विद्या चौहान ने भी इस मामले में 200 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की बात कहीं ।इस मामले में एनसीपी के हेमंत टकले इस जांच की इस भ्रष्टाचार की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से कराने की मांग की।
महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर ने इस मामले की जांच करप्शन ब्यूरो द्वारा कराने का आदेश दिया। गौरतलब है जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत जलयुक्त शिवार में हुए भ्रष्टाचार को स्वीकार कर लिया और विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए थे।
राज्य भर में 1300 जगह पर जलयुक्त शिवार का काम चल रहा है। आरोप है इन जगहों पर जलयुक्त शिवार के कामों में गड़बड़ियां हुई हैं। जलयुक्त शिवार परियोजना के बारे में सूबे की महाराष्ट्र सरकार काफी संजीदगी से काम कर रही है। इस परियोजना में चीफ मिनिस्टर होटल में स्वयं ध्यान दे रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था भले ही महाराष्ट्र सूखे की चपेट में है लेकिन जलयुक्त शिवार परियोजना के कारण यह स्थिति काफी हद तक किसानों को सूखे से निपटने में सहायक सिद्ध हो रही है।