देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप आंकड़ों में तो कम होता जा रहा है, जिससे सरकार राहत की सांस ले सकती है, लेकिन मौत के आंकड़े लगातार चिंता का सबब बने हुए हैं। अब भी रोजाना औसतन करीब चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है, जबकि संक्रमितों का आंकड़ा निरंतर कम हो रहा है।उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत देश के आधे से ज्यादा प्रदेशों में लॉकडाउन या सख्त पाबंदियां अब भी लागू हैं। देशभर में पिछले 24 घंटे में 2.22 लाख नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और 4,455 लोगों की मौत हो गई।
इसी बीच, ब्लैक फंगस ने भी महामारी का नया रूप ले लिया है। इसके मरीजों की तादाद भी रोजाना बढ़ रही है। इसकी दवाओं की भी किल्लत है और मरीजों के लिए नई समस्या पैदा हो गई है। अभी वे कोरोना संक्रमण के दर्द की वजह से अपनी कराह खत्म नहीं कर पाए थे कि नई मुसीबत घर कर गई है। बिहार और उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू को एक जून तक बढ़ा दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि कि पिछले 22 दिनों से देश में सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है। 3 मई के समय देश में 17.13 फीसदी सक्रिय मामलों की संख्या थी अब यह घटकर 10.17 फीसदी रह गई है। पिछले 2 हफ्तों में सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 10 लाख की कमी दर्ज की गई है।
लव अग्रवाल ने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कुल 14.56 करोड़ (पहली और दूसरी खुराक) टीके ले चुके हैं। जबकि 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों को 1.06 करोड़ टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। वहीं, उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 3,981 मामले सामने आए और 11,918 लोग डिस्चार्ज हुए। अब 76,703 सक्रिय मामले बने हुए हैं। रिकवरी दर 94.3 फीसदी हो गई। वहीं 24 घंटे में 157 लोगों की मृत्यु हुई। कल प्रदेश में 3,26,399 नमूनों की जांच की गई।