कोरोना महामारी से पूरी दुनिया हलकान है। देश भर हज़ार से ऊपर पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और हज़ारों मजदूर महाबन्दी (लॉकडाउन) को धता बताते हुए मेट्रो शहरों से अपने होमटाउन जाने को मजबूर हैं। इस बीच, देश के सियासतदान अपने राजनीति चमकाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ बिहार के सीएम नीतीश भी मामले में पीछे नहीं हैं।
दुर्भाग्य है कि सरकारों और हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों के पास हज़ारों दिल्ली- एनसीआर छोड़कर जाने वाले दिहाड़ी कामगारों के लिए कोई खाका तक नहीं है। इनका कोई आधिकारिक डाटा भी उपलब्ध नहीं हैं। ये रोज़ी-रोटी और किराये के खौफ और बीमारी की दहशत की वजह से किसी भी तरह अपने होम टाउन पहुंचना चाह रहे हैं, ताकि खाकर ज़िंदा रह सकें। सरकारें अपनी जिम्मेदार में नाकाम इंतजाम करने के बजाय एक दूसरे पर आरोप मढ़ रही हैं।
इसी कड़ी में दिल्ली के आप विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा के खिलाफ अफवाह फैलाने के आरोप में नोएडा में एफआईआर दर्ज कराई गई है। विधायक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया था है कि वह दिल्ली से पलायन करके जा रहे लोगों को पुलिस से पिटवा रहे हैं।
कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से पिछले चार दिनों से प्रवासी मजदूर दिल्ली से यूपी-बिहार की ओर भाई संख्या में पलायन कर रहे हैं। प्राथमिकी के मुताबिक राघव चड्ढा ने ट्वीट करके कहा था, सूत्रों के मुताबिक, योगी जी दिल्ली से यूपी की ओर पलायन कर रहे लोगों को पिटवा रहे हैं। योगी जी कह रहे हैं कि तुम दिल्ली क्यों गए थे। अब तुम लोगों को कभी भी दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा। उनकी यह टिप्पणी सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए ही खतरी नहीं है बल्कि कोरोना वायरस के चलते अपने मूल स्थान की ओर जा रहे लोगों के बीच अफरातफरी की स्थिति पैदा करेगा।
इससे पहले, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा नेताओं पर पलायन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था- मुझे बहुत दुःख है कि कोरोना महामारी के बीच भाजपा नेता टुच्ची राजनीति पर उतर आए हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल जी ने बिजली पानी काट दिया इसलिए लोग दिल्ली से जा रहे हैं। यह गम्भीरता से एक होकर देश को, बचाने का समय है, घटिया राजनीति का नहीं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली से किसी को बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है, सभी के खाने का इंतजाम किया जा रहा है। बिहार के सीएम ने कहा अगर ऐसे ही हजारों मजदूर एक साथ इधर से उधर आते रहे, तो लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रह जायेगा। जहां जो हैं, वहीं पर उनके लिए सरकारें व्यवस्था करें।