महंगाई की मार से एक ओर दिल्ली के थोक और फुटकर बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। वहीं डीजल-पेट्रोल के दामों के हर रोज बढ़ने से गरीबों की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है। फलों के दाम तो आसमान छू रहे है।
दिल्ली की छोटी मंडियों में कोई भी हरी सब्जी के दाम 40 रुपये से कम नहीं हैा। नींबू के दाम 200 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है। 1 नींबू के दाम 10 से 12 रुपये है।आजाद पुर मंडी के थोक सब्जी विक्रेता रमन लाल ने बताया कि सरकार की अनदेखी और लापरवाही की वजह से देश में महंगाई बढ़ रही है। यूक्रेन-रूस की जंग से दुनिया में तांडव मचा हुआ है।ऐसे में भारत देश में कुछ लोग मौके का फायदा ले रहे है। जिससे देश का गरीब नागरिक गरीब होता जा रहा है और अमीर नागरिक अमीर होता जा रहा है।
रमन लाल का कहना है कि थोक के भाव से दो गुने रेट पर सब्जियों को बेचा जा रहा है। करेला और भिंडी के दाम प्रति किलो 80 रुपये से अधिक है। जो अपने आप में इस साल के इस सीजन के सबसे अधिक दाम है। वहीं हरी मिर्च 100 प्रति किलोग्राम से अधिक बिक रही है।
मंडियों से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जब भी कोई उतार चढ़ाव बाजार में आता है। तब कुछ बिचौलिये अपने लाभ के लिये काला बाजारी करने लगते है। जैसे सामानों की जमाखोरी करना आदि। उन्होंने बताया कि अगर डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को लेकर अगर ट्रक चालक अपने किराये भाड़े में बढ़ोतरी और करते है तो देश में हर सामान में महंगाई का बढ़ना निश्चित है।
व्यापारी सुनील कुमार ने बताया कि महंगाई को काबू करने के लिये सरकार को समय रहते कोई ठोस पहल करनी होगी अन्यथा महंगाई से लोग बेहाल हो जायेगे। दिल्ली के बाजारों में आटा का दाम तेजी से बढ़े है।अगर आटा के दाम और बढ़े तो गरीबों को और परेेशानी बढ़ेगी।