भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ौतरी की है। महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने यह इजाफा किया है। इस फैसले से रेपो रेट 5.90 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है। इसका असर कर्ज चुकाने वालों पर पड़ेगा और होम लोन, ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा की। बता दें ब्याज दरों पर फैसले के लिए 5 दिसंबर से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक चल रही थी।
याद रहे सितंबर में हुई बैठक में ब्याज दरें 5.40 फीसदी से बढ़कर 5.90 फीसदी किया गया था। आज की बैठक में 6 में से 5 सदस्यों ने दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया। अगले 12 महीने तक महंगाई 4 फीसदी से ऊपर रहने की संभावना है जिससे तय लक्ष्य से ऊपर रहने के आसार हैं।
वित्त वर्ष 2023 में महंगाई दर अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रहने की संभावना है। ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। बैंक क्रेडिट में 8 महीने से डबल डिजिट में आ गया है और वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया है।
केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती कर दी है। वहीं मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत दर यानी रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। नया रेपो रेट मौजूदा 5.90 फीसदी से बढ़कर अब 6.25 प्रतिशत हो गया है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी पर कर दिया है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.1 फीसदी रह सकती है।