आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल कर लिया गया है। चीन ने भी इस बार इसके लिए कोइ रोड़ा नहीं अटकाया गया है। एक और आतंकी सरगना हाफिज सईद पहले से इस सूची में शामिल है।
चीन ने पहले की तरह इस बार इस मामले में वीटो नहीं किया क्योंकि उसपर अमेरिका सहित कई देशों का जबरदस्त दवाब था। इस फैसले से मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मसूद को सूची में डालने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास की कोशिश पिछ्ली कांग्रेस के नेतृत्व वाली मनमोहन सिंह सरकार ने की थी।
मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालना भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है क्योंकि भारत काफी लंबे समय से खासकर १४ फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से इसके लिए जोर दे रहा था और चीन लगातार अपनी वीटो का इस्तेमाल कर रोड़ा अटका रहा था।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से उसके खातों पर रोक लगेगी और वह स्वतंत्रता से घूम नहीं पायेगा। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, फ्रांस और यूके इसके लिए मांग कर रहे थे लेकिन चीन उसका बचाव कर रहा था। चीन ने १३ मार्च को जैश सरगना मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था तभी से अमेरिका समेत कई बड़े देश चीन के इस कदम की आलोचना कर रहे थे। आज की घटना से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है।