आखिर कुछ घंटे की कोर्ट में चली लड़ाई में करूणानिधि को मरीना बीच पर दफ़न करने की हरी झंडी मिल गयी इस मसले को लेकर सूबे में तनाव की स्थिति बन गयी थी क्योंकि एआईडीएमके सरकार ने करूणानिधि को मरीना बीच पर दफ़न करने का कुछ कारण देकर विरोध किया था। हालाँकि कोर्ट ने बुधवार को कुछ घंटे की सुनवाई के बाद डीएमके की अप्पील को मंजूर करते हुए करूणानिधि को मरीना बीच पर दफ़न करने की इज़ाज़त दे दी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करूणानिधि के अंतिम दर्शन के लिए कुछ देर पहले चेनेई पहुँच गए हैं जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
मद्रास हाई कोर्ट ने इसकी मंजूरी दी है। इस तरह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत डीएमके नेता एम करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर ही दफ़नाया जाएगा। मद्रास हाईकोर्ट में मंगलवार और बुधवार सुबह कुछ घंटे चली सुनवाई के बाद करुणानिधि को अन्नादुरई की समाधि के बगल में दफनाने की अनुमति मिल गयी।
करूणानिधि को दफ़नाने के स्थान को लेकर मंगलवार रात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के घर पर सुनवाई शुरू हुई थी, जिसे सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। अदालत ने राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा था। डीएमके चाहती थी कि उनके नेता के शव को मरीना बीच पर जगह मिले, जहां तमिलनाडु की राजनीति के दिग्गजों के शव दफ़नाए गए थे हालांकि प्रदेश की एआईएडीएमके सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद डीएमके कोर्ट में गयी थी। पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किए गए थे और वहीं उनके स्मारक बनाए गए। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे।
दक्षिण भारत की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले करुणानिधि की मंगलवार को हुई मृत्यु के बाद से ही इस मसले पर सामाजिक और राजनीतिक हलकों में कोहराम मचा हुआ था। डीएमके ने तमिलनाडु के मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए जमीन की मांग की है। तमिलनाडु सरकार ने विपक्षी द्रमुक को उसके दिवंगत नेता पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया। हालांकि कल देर रात इस मामले की सुनवाई शरू तो हुई थी लेकिन अदालत सरकार की मनाही के तर्कों से संतुष्ट नहीं हुई थी।
तमिलनाडु सरकार ने उसे इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की। सरकार के इस कदम पर विवाद पैदा हो गया । इसके बाद डीएमके तमिलनाडु सरकार के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय गयी। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी।
स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। अतएव सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।