पार्टी से बाहर किये जाने के कुछ ही घंटे के भीतर मध्य प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता सरताज सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ के साथ एक चुनाव सभा में मंच साझा करते दिखे। इससे पहले भितरघात से जूझ रही मढ़ता प्रदेश भाजपा ने ५३ बागियों को गुरूवार सुबह पार्टी से बाहर करने का फरमान जारी किया।
जो बड़े नेता पार्टी से बाहर किये गए हैं उनमें सरताज सिंह, नरेंद्र कुशवाह, रामकृष्ण कुष्मारिया, राजकुमार यादव, समीक्षा गुप्ता, धीरज पटेरिया और लता मस्की भी शामिल हैं। इनमें कुछ तो कांग्रेस में चले गए हैं और अन्य निर्दलीय मैदान में उतर चुके हैं। जाहिर है इससे भाजपा की चिंता मध्य प्रदेश में बढ़ गयी है।
सरताज सिंह पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद हलके से प्रत्याशी भी बना दिया। सरताज सिंह ने कहा की वे कांग्रेस के आभारी हैं कि उसने उन्हें होशंगाबाद हलके से टिकट दिया। उनके मुताबिक वे ५८ साल तक भाजपा में रहे लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया। ”मैं जनता के बीच रहकर उसकी और सेवा करना चाहता हूं, इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं।”
उधर दमोह से भाजपा के बागी और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को मनाने की जद्दोजहद दिनभर चलती रही लेकिन कामयाबी नहीं मिली। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत की मानाने की कोशिशें सफल नहीं हुईं लेकिन वे नहीं माने। ग्वालियर की पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता भी नहीं मानीं और ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। भिंड के विधायक नरेंद्र कुशवाह ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और नहीं माने हैं। इसी तरह लहार में भाजपा छोड़ अंबरीश शर्मा कुमार बसपा में चले गए हैं। जाहिर है इन सभी सीटों पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ेंगी।