मतदान निपटते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने केबिनेट मंत्री और भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी सोमवार को निपटा दिया। पिछड़े वर्ग के नेता राजभर ने चुनाव से पहले ही पिछड़ों और गरीबों के प्रति भाजपा की नीतियों का विरोध किया था और बागी तेवर दिखाए थे। योगी के उन्हें बर्खास्त करने के फैसले का स्वागत करते हुए राजभर ने फिर कहा कि गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल राम नाईक को चिठ्ठी भेजकर राजभर को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त करने की सिफारिश की थी जिसे राज्यपाल ने सोमवार स्वीकार कर लिया। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष और सदस्य हैं, उन्हें भी योगी ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
राजभर अपने भाजपा विरोधी बयानों से योगी सरकार के लिए लगातार मुसीबत बने हुए थे। वैसे राजभर ने पहले ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था लिहाजा मंत्रिमंडल से उनकी आज की बर्खास्तगी महज एक औपचारिकता ही कही जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोमवार सुबह ट्वीट किया गया – ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।” बाद में राजभवन से सूचना आई कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
उधर योगी के फैसले के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा – ”मैंने तो पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था। अब उनका जो मन हो वह करें। वह कह रहे थे कि हम उनकी पार्टी से चुनाव लड़ें, ऐसा करने पर तो हमारी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाता। जिस विचार को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, वह खत्म हो जाता।”
मतदान निपटते ही योगी ने राजभर को निपटाया
मंत्रिमण्डल से बाहर किया, राजभर ने कहा - आपके फैसले का स्वागत