मणिपुर में हालत और खराब हो गए हैं। राज्य में ‘शूट-एट-साइट’ का आदेश जारी किया गया है। राज्य में प्रदर्शनकारी जनजातीय समूह लगातार रैलियां निकाल रहे हैं और कई ट्रेन रोकी गयी हैं। आगजनी की कई घटनाएं हुई हैं और लोगों की जान जाने की भी ख़बरें हैं। वहां इंटरनेट बंद है और कर्फ्यू के कारण लोगों की दिक्क्तें बढ़ गयी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मणिपुर में हिंसा के बाद स्थिति बदतर हो गयी है। विवाद की वजह से सरकार को नागरिकों की सुरक्षा का डर सता रहा है। प्रशासन ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सख्ती बढ़ा दी है और राज्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने ‘शूट एट साइट’ आदेश जारी किया है।
आदेश के मुताबिक अगर इलाके में शरारती तत्व नजर आए तो उन्हें सुरक्षाबल देखते ही गोली मार सकते हैं। ऐसे आदेश बेहद संवेदनशील मामलों में जारी किए जाते हैं। आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा इतनी बढ़ गई है कि हालात बेकाबू हो गए हैं।
जगह-जगह हिंसा की लपटें सुलग रही हैं। मणिपुर सरकार ने तब जाकर शूट एट साइट का आदेश जारी किया है। करीब 9,000 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग गांवों से विस्थापित कर दिया गया है। मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की है। दंगा रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स की 55 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। सेना ने स्थिति बिगड़ने की स्थिति में तैनाती के लिए 14 टुकड़ियों को स्टैंडबाय पर रखा है।
मणिपुर के कई जिले हिंसा की चपेट में हैं। भारतीय सेना ने नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा करने का आग्रह किया है। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति के बाद, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने एएनआई से कहा कि स्थिति में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं कर रही है। मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह फैसला लिया गया है। राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा को देखते हुए, मोबाइल डेटा के बाद अब मणिपुर में ब्रॉडबैंड सेवाएं भी निलंबित हैं।
सरकार ने रिलायंस जियो फाइबर, एयरटेल एक्सट्रीम, बीएसएनएल अदि को हिंसा और अफवाह फैलाने के लिए ब्रॉडबैंड और डेटा सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है। मणिपुर राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण अगले 5 दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का आदेश दिया गया है। गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी लगातार राज्य के संपर्क में है और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
हिंसा को लेकर सेना के प्रवक्ता ने कहा – ‘अभी तक हिंसाग्रस्त चूड़चंदपुर में करीब 5,000 लोगों को सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया है, वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी और 2,000 अन्य लोगों को तेंगनौपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में निकाला गया है।’