केंद्र सरकार के साथ हुए शांति समझौते से मणिपुर में अमन की जो उम्मीदें जगी थीं, उन्हें बड़ा झटका लगा है। राज्य के चुराचांदपुर जिले में एक बार फिर माहौल गरमा गया है। रविवार देर रात भीड़ ने यहां केंद्र के साथ शांति वार्ता में शामिल कुकी नेता कैल्विन ऐखेंथांग के घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं, एक अन्य कुकी नेता के घर पर भी हमले की कोशिश की गई, जिसे स्थानीय लोगों ने नाकाम कर दिया।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिन पहले दो प्रमुख कुकी-जो समूहों, कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF), ने केंद्र के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते पर फिर से हस्ताक्षर किए थे। इसमें उन्होंने राज्य में शांति बहाली के लिए काम करने का वादा किया था। इस घटना ने शांति प्रक्रिया की नाजुकता को उजागर कर दिया है। हालांकि, कुछ स्थानीय लोग आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बता रहे हैं।
हिंसा के अलावा, नेशनल हाईवे-2 को फिर से खोलने को लेकर भी भ्रम की स्थिति बन गई है। सोमवार को कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने स्पष्ट किया कि उन्होंने NH-2 को पूरी तरह से खोलने की कोई घोषणा नहीं की है। काउंसिल ने अपने बयान में कहा, “हमने सिर्फ कांगपोकपी जिले के लोगों से सुरक्षा बलों का सहयोग करने को कहा था, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।” KZC ने कहा कि केंद्र के बयान को गलत समझा गया, जिससे बेवजह भ्रम फैला।
इसके साथ ही काउंसिल ने एक कड़ी चेतावनी भी जारी की है। बयान में कहा गया है कि मेइतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच अभी कोई जमीनी समझौता नहीं हुआ है, इसलिए दोनों पक्षों के लोग एक-दूसरे के इलाकों में प्रवेश न करें। KZC ने चेतावनी दी कि कुकी-जो इलाकों का सम्मान करना जरूरी है और किसी भी तरह के उल्लंघन के गंभीर नतीजे होंगे, जिससे शांति और सुरक्षा की स्थिति और बिगड़ सकती है।