प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से घोषित तीन सप्ताह का राष्ट्रीय लॉकडाउन, जो १४ अप्रैल को समाप्त हो रहा है, दो और हफ्ते के लिए अप्रैल के अंत तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन पहली मई को भी सब कुछ पहले जैसा नहीं होगा, सरकार इसे लेकर अपना मन बना चुकी है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल (रविवार) को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।
सरकार में भरोसेमंद सूत्रों ने ”तहलका” को बताया कि सरकार जिस तरीके पर विचार कर रही है, उसमें लॉक डाउन को चरणवद्ध तरीके से ख़त्म किया जाएगा। इसमें सबसे पहले यह होगा कि किसी भी स्थान पर वहां की क्षमता के आधा फीसदी से ज्यादा लोगों को जुटने नहीं दिया जाएगा। एक और अहम बात यह है कि ट्रेन और घरेलू उड़ान सेवाओं के बहुत जल्दी शुरू होनी की संभावना नहीं है और यह १५ मई से ही फिर शुरू होने की उम्मीद है।
सरकार के लॉक डाउन खोलने के अस्थाई कलैंडर के मुताबिक सरकार के इदारों से भी पहले धार्मिक स्थल फिर खुलेंगे और यह ५ मई को हो सकता है। फल और सब्जी बाजार ७ मई से खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन वैकल्पिक दिनों में। यानी एक दिन खुली और अगले दिन बंद और फिर अगले दिन खुली।
उधर मॉल, सिनेमा हॉल और वेडिंग हॉल मई के तीसरे सप्ताह में खुलने की संभावना है, जबकि शैक्षणिक संस्थान मई के आखिर में जाकर खुलेंगे।
ट्रेनों और घरेलू उड़ानों के १५ मई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए, हालांकि, अभी और इंतजार करना होगा। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल ३० जुलाई की तारीख पर विचार किया जा रहा है, और यह तय करने के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा कि क्या दुनिया कोरोनोवायरस के खतरे से उबर गयी है या नहीं।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यह प्रधान मंत्री कार्यालय के समक्ष अस्थायी योजना है और विभिन्न विशेषज्ञ समूहों ने जो प्रस्ताव दिया है, उसका सार है।
कोविड-१९ की स्थिति का जायजा लेने और राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को १४ अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस बारे में विचार जानने के लिए, प्रधान मंत्री ने सभी प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शानिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित देश भर में वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन का विस्तार करना चाहते हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “मैं उनके लिए हमेशा उपलब्ध हूँ और कोई भी मुख्यमंत्री मुझसे बात कर सकता है और सुझाव दे सकता है। हमें कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना चाहिए। कोइ भी अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे। हालांकि, केंद्र मुख्यमंत्रियों को अपनी मजबूरियों के अनुसार कार्यक्रम तय करने की स्वतंत्रता देने का इच्छुक है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल रविवार को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।