केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले यह कहते हुए कि सरकार किसानों को असफल रही, इसकी घोषणा की थी। हालांकि, एमएसपी की गारंटी और कुछ अन्य मुद्दों पर किसान अभी अड़े हुए हैं और उन्होंने फिलहाल अपना आंदोलन वापस लेने से मना कर दिया है। याद रहे एक साल से ज्यादा के पूरी किसान आंदोलन के दौरान 750 के करीब किसानों की शहादत हुई है।
मंत्रिमंडल की आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें यह फैसला किया गया। इसी महीने 29 तारीख से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है जिसमें इन कानूनों को वापस लेने के लिए पहले ही हफ्ते में बिल लाया जाएगा। हालांकि, यह साफ़ नहीं है कि एमएसपी पर गारंटी को लेकर क्या फैसला किया जाएगा, क्योंकि किसानों का साझा संगठन संयुक्त किसान मोर्चा इसपर बिल लाने की मांग कर रहा है।
किसान आंदोलन ख़त्म करने का कोई फैसला किसानों ने नहीं किया है। वे एमएसपी गारंटी की अपनी पुरानी मांग पर दृढ़ हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद ही किसान संगठनों ने साफ़ कर दिया था कि वे अभी आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे क्योंकि उनकी सभी मांगों पर फैसला अभी नहीं हुआ है।
फ़िलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि किसानों के सभी मुद्दों पर सरकार संसद में क्या फैसला करेगी। इसी पर आंदोलन का रुख निर्भर करेगा। किसान आंदोलन का भले जो फैसला हो, यह तय है कि सरकार ने अपनी तरफ से तीन कृषि कानूनों को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।