चार महीने मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हारने वाली भाजपा ने लगता है सूबे में ध्रुवीकरण की पूरी तैयारी कर ली है। भोपाल सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को टिकट दिया था अब भाजपा ने मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रहीं साध्वी प्रज्ञा को टिकट देने का ऐलान किया है। साध्वी ने सुबह ही भाजपा ज्वाइन की थी।
साध्वी प्रज्ञा भाले बाहर की हैं लेकिन वे एक हिन्दू चेहरे के रूप में जानी जाती हैं। भोपाल भी उनके लिए बिलकुल नया है और यहाँ उनका कोइ जनाधार भी नहीं है। लेकिन भाजपा के उनको भोपाल के मैदान में उतारने के पीछे भाजपा की पूरी सूबे में ध्रुवीकरण की रणनीति मानी जा रही है।
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में जाना पहचाना चेहरा हैं और दो बार सूबे के सीएम रह चुके हैं। कहा जाता है कि भाजपा के ज्यादातर विधायक साध्वी को भोपाल से चुनाव में उतारने के हक़ में नहीं थे उच्च स्तर पर इसका फैसला हुआ।
सुबह भाजपा ज्वाइन करने के बाद साध्वी ने कहा – ”कोई चुनौती नहीं है मेरे लिए, मैं धर्म पर चलने वाली हूं। मैं शाम को वापस आ रहीं हूं। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ वो भी बताऊंगी।” वैसे साध्वी प्रज्ञा का भोपाल में जनाधार नहीं नई है, वे बाहर की हैं और मालेगाव ब्लास्ट में आरोपी रही हैं।
बुधवार को साध्वी प्रज्ञा भोपाल स्थित भाजपा के कार्यालय में वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल हो गईं। बैठक में भाजपा नेता प्रभात झा और संगठन मंत्री रामलाल भी मौजूद रहे। भाजपा में शामिल होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि वे भोपाल से चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी भी। उन्होंने कहा कि वे दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। भोपाल भाजपा का गढ़ रहा है और कांग्रेस ने दिग्विजय जैसे बड़े नेता को मैदान में उतार कर इस मिथ को तोड़ने की कोशिश की है।