मायावती के कांग्रेस से कोइ गठबंधन न करने के ऐलान के एक दिन बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को मेरठ में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद से मिलने अस्पताल पहुंचीं। उनकी इस मुलाकात को यूपी की राजनीति के नजरिये से बहुत अहम माना जा रहा है।
बाद में मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने आरोप लगाया कि एक नौजवान को सरकार इस लिए कुचलना चाहती है क्योंकि वो संघर्ष कर रहा है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और यूपी के एक और प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रियंका के साथ थे।
माना जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती प्रियंका गांधी की चंद्रशेखर आज़ाद से मुलाकात से बिलकुल भी खुश नहीं होंगीं। प्रियंका ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि वे उनका हाल चाल जानने आईं हैं। चंदरशेखर को मंगलवार को ही अस्पताल में भर्ती किया गया था।
इससे पहले उन्हें प्रोसेसशन निकालने के वक्त पुलिस ने यह कहकर डिटेन कर लिया था कि आचार संहिता लागू है। इस दौरान आज़ाद को चक्कर आने और बेहोश हो जाने के बाद के बाद पुलिस ने मेरठ लाकर आनंद अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था।
आज़ाद का पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में दलितों पर मजबूर असर माना जाता है। प्रियंका की बुधवार को उनकी अस्पताल में भेंट के बाद यह चर्चा शुरू हो गयी है क्या चंदरशेखर आज़ाद कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं ! आज़ाद दलित युवाओं में बहुत लोकप्रिया माने जाते हैं और वे आज़ाद के साथ पिछले महीनों में बहुत तेजी से जुड़े हैं।
आज़ाद से मुलाकात के बाद जब पत्रकार अस्पताल परिसर में प्रियंका से बात करने पहुंचे तो प्रियंका ने उनसे आग्रह किया कि यहां मरीजों को इससे परेशानी हो सकती है लिहाजा वे बाहर उनसे बात करेंगीं।
प्रियंका ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि एक नौजवान (चंद्रशेखर आज़ाद) संघर्ष कर रहा है लेकिन अहंकारी सरकार (योगी सरकार) उन्हें कुचलना चाहती है। प्रियंका ने कहा – ”इस मुलाकात को राजनीतिक नजरिये से न देखा जाए। मैं उनसे मिलने यहां आई हूँ। आज़ाद आवाज उठा रहे हैं तो उन्हें सरकार कुचलना चाहती है।”
प्रियंका करीब 30 मिनट तक अस्पताल में रहीं। प्रियंका के आने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग वहां पहुँच गए।