आदिवासी अधिकारों पर झारखंड में काम करने वाले कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इतिहासकार रामचंद्र गुहा से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने स्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया है, वहीं सामाजिक कार्यकर्ता आलोका कुजुर ने उनकी मौत को ‘हत्या’ बताया है। उधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में स्टेन की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्हें मेडिकल सर्विस वक्त पर क्यों नहीं दी गईं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने फादर स्टेन स्वामी को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उन्होंने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के एलगार परिषद के कार्यक्रम में भाषण दिया था और इसी को आधार बनाते हुए स्टेन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस कार्यक्रम के एक दिन बाद भीमा कोरेगांव में जबर्दस्त हिंसा हुई थी और कई लोगों की जान चली गयी थी।
स्वामी स्टेन की मौत पर 20 साल से झारखंड में आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाली संस्था ‘आदिवासी अधिकार मंच’ के नेता आलोका कुजुर ने कहा कि 84 साल के बुजुर्ग फादर पार्किंसन बीमारी से ग्रसित थे और ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता के साथ एनआईए ने जो अमानवीय व्यवहार किया, वो चिंता का विषय है। उनके मुताबिक फादर पर कोरेगांव हिंसा में जो केस दर्ज हुआ वह फर्जी था। उनके खिलाफ आज तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ फिर भी इस उम्र में उन्हें जेल में बंद रखा गया। इससे जाहिर होता है उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। उनके मुताबिक ‘सभी सामाजिक कार्यकर्ता मानते हैं कि ‘केंद्र सरकार और एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी की हत्या की’।
उधर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी ने अपना पूरा जीवन पिछड़ों, गरीबों के लिए काम करने में लगा दिया। उनका दुखद निधन एक न्यायिक हत्या का मामला है, इसके लिए गृह मंत्रालय और कोर्ट दोनों बराबरी से जिम्मेदार हैं।’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन की जानकारी पाकर दुखी हूं। एक मानवतावादी और ईश्वरीय इंसान जिससे हमारी सरकार मानवीय बर्ताव नहीं कर सकी। बतौर भारतीय बहुत दुखी हूं।’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन की खबर से दुखी हूं। उन्होंने अपना जीवन आदिवासियों के अधिकारों में लगा दिया। मैंने उनकी गिरफ्तारी की जमकर मुखालफत की थी। केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्हें मेडिकल सर्विस वक्त पर क्यों नहीं दी गईं, जिनकी वजह से उनकी मौत हुई है।’
बता दें स्टेन स्वाम़ी का आज निधन हो गया। उनकी उम्र 84 साल थी और उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। दोपहर करीब 1.30 बजे बांबे हाई कोर्ट को उनकी मौत की सूचना दी गई। फादर स्टेन स्वामी भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुए थे। उन्हें तलोजा सेंट्रल जेल में रखा गया था। यहां स्वामी और एल्गर केस मे उनके साथी बंदी लगातार खराब स्वास्थ्य सुविधाओं की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद ही 29 मई को बांबे हाई कोर्ट के निर्देश पर उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।
स्टेन ने हाल ही में कोविड-19 को मात दी थी, हालांकि, इसके बाद उनकी हालत लगातार खराब ही रही थी। होली फैमिली हॉस्पिटल में भी उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। पिछले हफ्ते ही स्वामी ने हाई कोर्ट में एक अपील दाखिल की थी। इसमें उन्होंने यूएपीए के सेक्शन 43डी—5 को चैलेंज किया था। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार को एक नोटिस जारी किया था जिसमें स्वामी के खराब स्वास्थ्य हालात को लेकर शिकायत की गई थी।