केरल में बुधवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण इडुक्की जिले और उत्तरी हिस्से में कई जगह भूस्खलन हुआ जो कम से कम 26 लोगों की मौत का कारण बना।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को वहां से निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें रवाना कर दी गई हैं। केंद्र सरकार भी केरल के हालात पर नजर बनाए हुए है।
जहां राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने स्थिति को ‘काफी विकट’ करार दिया है, वहीं केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस ने कहा कि पिछले 50 साल की ये सबसे भयानक बाढ़ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ की हालात से निपटने के लिए संसाधनों की कमी नहीं होने देगी।
अधिकारियों ने बताया कि सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रया बल को इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम जिले के प्रभावित इलाकों में राहत अभियान में प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैनात किया गया है।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने कहा कि वर्षा जनित घटनाओं में कल से 24 लोग मारे गए हैं जिनमें 17 की मौत इडुक्की और मलपुरम जिलों में भूस्खलन के कारण हुई है।
भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं जिस कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 24 बांधों को खोल दिया गया है. एशिया के सबसे बड़े अर्ध चंद्राकार बांध इडुक्की जलाशय से पानी छोड़े जाने से पहले रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सरकार ने बताया कि राज्य में पिछले दो दिनों में दस हजार से अधिक लोगों को 157 राहत शिविरों में भेजा गया है. सरकार ने लोगों से कहा है कि राज्य के ऊपरी इलाकों और बांध वाले इलाकों में नहीं जाएं।
पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारी बारिश के कारण कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो घंटे के लिए विमानों की लैंडिंग रोक दी गई। नजदीक स्थित पेरियार नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण हवाई अड्डा क्षेत्र में पानी भरने की आशंका थी।