अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की धमकी के बाद भारत सरकार ने मंगलवार को कोरोना विषाणु के मुकाबले में प्रभावी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल के निर्यात से बैन हटाने का फैसला किया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सैद्धांतिक तौर पर फैसला किया गया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित अमेरिका समेत पड़ोसी देशों को इन जरूरी दवाओं की सप्लाई की जाये। कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद भारत ने इन दो दवाइयों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अब भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि कोरोना महामारी से इस समय भारत समेत दुनिया के सभी देश जूझ रहे हैं और मानवीय आधार पर हमने फैसला किया है कि पड़ोसी देशों को पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं की पर्याप्त मात्रा की सप्लाई की अनुमति दी जाए।
अमेरिका ही नहीं ब्राजील, स्पेन और जर्मनी समेत करीब ३२ देशों से कोरोना संकट के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात के लिए अनुरोध किया गया है और इनमें से ज्यादातर देशों ने बैन हटाने की भारत से मांग की थी। अब भारत सरकार ने निर्यात से बैन हटाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि पहले से ही भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा निर्यातक देश रहा है। इसका कच्चा माल चीन से आता है जिसकी कीमत भी हाल के दिनों में कोरोना वायरस की वजह से बढ़ गई है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में होता है और भारत में मलेरिया के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है।