5 मई से सीमावर्ती लद्दाख इलाके में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए तैयार होने के साथ ही इसके इच्छुक भी हैं। हालांकि इससे पहले कश्मीर मसले पर भी ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कर चुके हैं, लेकिन तब भारत ने इनकार कर दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह भारत और चीन की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध का खात्मा चाहते हैं। ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट किया- ‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि अमेरिका उनके इस समय जोर पकड़ रहे सीमा विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। वह इसके लिए इच्छुक और सक्षम भी है।’
बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा दोनों देशों को छूती है जिसे एलएसी कहते हैं। लद्दाख और उत्तरी सिक्किम व अरुणाचल में भी चीन कई दफा अपना क्षेत्र होने या विवादित क्षेत्र घोषित करने की कोशिश करता रहा है। दोनों ही देशों ने हाल ही में इन इलाकों में काफी कार्य कराए हैं, जिससे सैन्य गविधियों की आवाजाही में आसानी हुई है।
भारत ने स्पष्ट कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसके सैनिकों की सामान्य गश्ती में अवरोध पैदा कर रही है। भारत ने चीन की उस दलील को पूरी तरह खारिज कर दिया जिसमें उसने दावा किया था कि भारतीय बलों द्वारा चीनी पक्ष की तरफ अतिक्रमण किया है, जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध बढ़ गया है।
विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि सीमा पर गतिविधियां अपने इलाके में संचालित की गयी हैं और भारत ने सीमा प्रबंधन के संबंध में हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सोशल मीडिया पर चीन के खिलाफ फूट रहा गुस्सा
दोनों देशों के बीच जारी तनावपूर्ण माहौल में भारत उकसावे की कोई बात नहीं कर रहा, लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने की बात कहकर आम भारतीयों को जरूर उकसा दिया है। चीनी राष्ट्रपति की इस हरकत के बाद भारतीयों का गुस्सा फूट पड़ा और लोग सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। लोग चीन को हैशटैग चाइनाइंडियाबाॅर्डर और हैशटैग इंडियाचाइनाफेसआॅफ के साथ 1967 की आखिरी लड़ाई की याद दिला रहे हैं।