भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए पैंगांग झील पर समझौता हो गया है। नौ दौर तक चली बातचीत के बाद दोनों देश एक समझौते पर पहुंचे हैं जिसमें सेना को पुरानी स्थिति पर ले जाने की बात भी शामिल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में गुरूवार को एक ब्यान में इसकी जानकारी दी और कहा अन्य मुद्दों पर सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि पैंगांग झील पर दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि कमांडरों की बैठक में अन्य मुद्दों को सुलटाने पर बात होगी। दोनों देशों में टकराव ख़त्म करने पर समझौता हुआ है।
सिंह ने कहा कि पिछले साल जैसे स्थिति बहाल होने की उम्मीद है। बता दें दोनों देशों के बीच सीमा पर लम्बे समय से तनाव चल रहा है। राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि पैंगांग झील से दोनों और से सेना हटेगी।
रक्षा मंत्री ने भारत-चीन सीमा विवाद पर राज्यसभा में जानकारी देते हुए सदस्यों को बताया कि चीन के साथ सीमा विवाद के लेकर स्थिति अब समाधान के करीब है और पैंगोंग झील को लेकर चीन के साथ समझौता हो चुका है। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर चीन के साथ सहमति बन चुकी है और इस संबंध में तनावग्रस्त इलाके से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिंह ने जोर देकर कहा कि चीन के साथ समझौते में भारत ने एक इंच भी जमीन नहीं खोई है। दोनों पक्षों के बीच अभी भी कुछ मुद्दों पर सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
राजनाथ सिंह ने कहा – ‘भारत हमेशा से द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर देता रहा है। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति को बनाए रखने के प्रति जोर दे रहे थे। भारत और चीन ने समझौते के तहत तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को लागू किया जाएगा और जो निर्माण अभी तक किया गया उसे तत्काल हटा दिया जाएगा। साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद के कारण जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है, उन शहीदों को भारत हमेशा सलाम करेगा। मुझे भरोसा है कि पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है।’
सिंह ने सदन में बताया – ‘सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों का निराकरण भी चर्चा के जरिए ही किया जाएगा। समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर भी मुलाकात करेंगे। पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है और बुधवार से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हो चुकी है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने एलएसी पर हथियार और गोला-बारूद और सैनिकों की संख्या बढ़ा दी, लेकिन हमने चीन का मुकाबला करने के लिए स्पष्ट कदम उठाया है। सिंह ने कहा – ‘हमारे पास बहादुर जवान हैं, जो रणनीतिक स्थानों पर डटे हैं और हम इन स्थानों पर बढ़त के साथ हैं। देश के बहादुर जवानों ने साबित किया है कि वे राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए कुछ भी करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करें। एकतरफा एलएसी में किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं होगा। हम चाहते हैं कि 2020 की फॉरवर्ड तैनाती को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।’
पिछले साल जून में भारत और सीमा पर चरम पर पहुँच गया था जब दोनों देशों की सेनाओं खूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गयी थी जबकि चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मरने की खबर आई थी। इसके बाद चीन लगातार सीमा के आसपास निर्माण और अन्य गतिविधियां चलता रहा। अब तक आठ दौर की बीतचीत में कुछ ख़ास सामने नहीं आया था लेकिन अब नौंवे दौर की बातचीत से अच्छी खबर आई है। यह बातचीत अभी जारी रहेगी।