रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन को, व्यर्थ में एक-दूसरे की ऊर्जा खर्च करवाने के बजाए ‘लक्ष्य हासिल करने में’ एक-दूसरे की मदद करना चाहिए। हाल के महीनों में भारत-चीन के बीच लगातार तनाव की स्थिति रही है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को सालाना मीडिया ब्रीफिंग में यह बात कही।
मीडिया के सवालों के दौरान वांग ने स्वीकार किया कि भारत के साथ संबंधों को हाल के वर्षों में झटका लगा है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कुछ ताकतों ने भारत और चीन के बीच संघर्ष और विभाजन पैदा करने का प्रयास किया है’।
याद रहे गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच खूनी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा था। अब चीन के विदेश मंत्री का बयान दिलचस्प है जिसमें उन्होंने दोनों देशों में तनाव के लिए ‘किसी तीसरी शक्ति’ को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है।
जून 2020 में एलएसी पर गलवान घाटी के संघर्ष के बाद से ही दोनों देशों के संबंध जबरदस्त तनाव से गुजरे हैं। अब बीजिंग की मीडिया ब्रीफिंग में भी वांग ने स्वीकार किया है भारत के साथ चीन के संबंध हाल के सालों में तनाव में रहे हैं।