दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा है। अब तक इससे 27 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी 800 से ज़्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, भारत और गर्म इलाके वाले देशों के लिए अच्छी खबर आई है।
अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में रिसर्च की। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड 19 के 90 फीसदी मामले ऐसे देशों या इलाके से सामने आये हैं जहाँ का तापमान 3 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच का है। पूरा यूरोप इसकी चपेट में है। बाकी 10 फीसदी मामले 18 डिग्री से ऊपर के तापमान वाले देशों के हैं। इस लिहाज से भारत में फिलहाल बारिश और पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते मौसम ने करवट ले ली है, तो पारा गिरा हुआ है। वर्ना इन दौरान तो सूरज अपनी धौंस दिखाने लगता है।
अगले हफ्ते यानी अप्रैल के शुरुआत में सूरज चाचू के तेवर चढ़ते ही पर 36 डिग्री के करीब पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद वायरस का असर भारत में कम हो सकता है। ये तो पहले से ही कहा जा रहा था कि गर्मी में इनका असर कम हो सकता है, पर अब रिसर्च ने इस पर मुहर लगा दी है।
अब अमेरिका में बरपा रहा कहर
दुनियाभर में अब तक संक्रमण के 6 लाख मामले आ चुके हैं। संक्रमित मामलों में सबसे ताकतवर देश अमेरिका शीर्ष पर पहुंच गया है। चीन के बाद इटली, फिर स्पेन और अब अमेरिका में कोरोना तेजी से कहर बरपा रहा है। यहां रोज़ाना संक्रमित और मृतकों की तादाद नए रिकॉर्ड बना रही है। पिछले 24 घण्टे में ही 400 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाक़ा न्यूयॉर्क है। चीन के 80 हज़ार के आंकड़ों को पार कर अमेरिका में 1 लाख से अधिक लोग अब तक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं।