वुहान सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार हुआ है। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विविध क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के बाद कही ।
भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल अपनी चौथी मुलाकात में मोदी और शी ने दोनों मुल्कों के बीच आपसी विश्वास एवं मित्रता को और आगे बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों पर भी चर्चा की।
मोदी और शी अप्रैल में चीन के वुहान के अनौपचारिक सम्मेलन के बाद दो बार मुलाकात कर चुके हैं। दोनों जून में चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में मिले थे और फिर जुलाई में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात हुई थी।
वुहान सम्मेलन को भारत चीन संबंधों में मील का पत्थर बताते हुए मोदी ने शी से कहा कि उन्हें अगले साल एक अनौपचारिक बैठक में उनकी मेजबानी करने की आशा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसी पहलें (संबंधों में) गति बनाए रखने में मददगार साबित होती हैं।’’
साथ ही उन्होंने कहा कि चिंगदाओ और जोहान्सबर्ग में दो समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों ने पिछले एक साल में काफी उन्नति की है।
सिक्किम के डोकलाम सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध के चलते भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
ख़बरों के अनुसार दोनों देशों के बीच संबंधों में जमी बर्फ पिघलने के परिणामस्वरूप वुहान में मोदी और शी की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने विश्वास और तालमेल बनाने के लिए संवाद मजबूत करने की खातिर अपनी-अपनी सेनाओं को ‘‘रणनीतिक दिशानिर्देश’’ जारी करने का फैसला किया था।