भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में आतंक का मुद्दा उठाया। नगर के गणमान्य नागरिकों और पार्टी के नेताओं के बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी आक्रामक रणनीति को सही ठहराया। उन्होंने कहा आंतकवाद को बढ़ावा देने वाले अब अलग-थलग हो गए हैं। पाकिस्तान को अब दुनिया तवज्जुह नहीं देती।
दशाश्वमेध घाट पर रोशनी में अंग्रेज़ी में लिखा था ”मैं भी चौकीदार हंू’’। प्रधानमंत्री ने अपनों से बातचीत करते हुए कहा, उन्होंने पुलवामा में हमारे 40 जवानों को शहीद किया। हमने उसी इलाके में मुहिम छेड़ कर 42 लोगों को मार दिया। काम करने का यह हमारा तरीका है।’
दस साल के यूपीए राज में खूब आतंकी धमाके हुए। अयोध्या में, वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में। लेकिन पिछले पांच साल में सरकार के प्रयास से किसी भी शहर, धार्मिक स्थल में कोई हमला नहीं हुआ क्योंकि पिछली सरकार हर हमले के बाद बातचीत की मेज पर चली जाती थी। लेकिन हमने उन्हें मजा चखाया।
हमने उन्हें बता दिया कि नया भारत सहता है और कहता नहीं। और वह न सहता ही है वह तो मुंह तोड़ जवाब देता है। जम्मू-कश्मीर में आज आतंकवाद बहुत ही छोटे इलाके में सिमट गया है।
श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमले पर उन्होंने कहा कि ,’देश में सभ्यता के साथ सुरक्षा भी बहुत ज़रूरी है। ‘ उन्होंने कहा अभी कुछ दिन पहले, श्रीलंका में सीरियल बम धमाके हुए। उस दिन ईस्टर था। लोग बड़ी-बड़ी गाडियों में खुशी-खुशी अपने परिवार के साथ चर्च आए थे। बाइबिल का पाठ पढ़ रहे थे। सपने और संकल्प लेकर आए थे। लेकिन वे घर जिंदा नहीं लौट पाए। उनका घंघा-कारोबार था। बंगला था। गाड़ी थी। सब कुछ था। सब एक झटके में चला गया। आतंक सब कुछ तबाह कर गया।’’
वाराणसी में दो दिन के कार्यक्रम में पहले दिन ढाई तीन घंटे के रोड़ शो के बाद दशाश्वमेध घाट पर उन्होंने आरती की और लौट कर पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
‘आप भी, आपके पास गाड़ी हो, बंगला हो। सब कुछ हो। लेकिन शाम को जिंदा घर लौट कर नहीं आए तो यह सब किस काम का?’’
भव्य शोभायात्रा में प्रधानमंत्री गेरूआ कुर्ता और गले में स्कार्फ, सीने पर कमल लटकाए हुए थे। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, भाजपा शासित और भाजपा महागठबंधन के राज्यों के मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा साथ चल रहा था। वाराणसी नगर के वासियों ने पुष्पवर्षा करके इस भव्य शोभायात्रा को अविस्मरणीय बना दिया।