टोक्यो ओलंपिक के लिए हॉकी मुकाबलों का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। पुरुष वर्ग में आठ बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारत को मौज़ूदा ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना, विश्व की एक नम्बर की टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, स्पेन और जापान के साथ पूल-ए में रखा गया है।
भारतीय टीम अपना पहला मैच न्यूजीलैंड के साथ 25 जुलाई को खेलेगी। उसका दूसरा मुकाबला 26 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के साथ फिर 28 जुलाई को स्पेन, 30 जुलाई को जापान के िखलाफ होगा। पुरुष वर्ग के क्वार्टर फाइनल मैच दो अगस्त को और सेमी फाइनल चार अगस्त को खेले जाएँगे। फाइनल मैच और कांस्य पदक के मुकाबले छ: अगस्त को होंगे।
महिला वर्ग में भारत को नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ गु्रप-ए में रखा गया है। यहाँ भारत का पहला मुकाबला 25 जुलाई को नीदरलैंड के साथ, 27 जुलाई को जर्मनी से, 29 जुलाई को ग्रेट ब्रिटेन से, 31 जुलाई को आयरलैंड और अंतिम लीग मैच पहली अगस्त को आयरलैंड के साथ होगा।
पुरुषों के ग्रुप ‘बी’ में बेल्जियम, नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका की टीमें रखी गयी हैं। इस ग्रुप में पहला मैच नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच और दूसरा ग्रेट ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के बीच 25 जुलाई को और इसी दिन कनाडा और जर्मनी के बीच तीसरा मैच होगा। 26 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड की टीमें भिड़ेंगी। 27 जुलाई को ग्रेट ब्रिटेन और कनाडा के बीच मुकाबला होगा, जबकि 28 जुलाई को जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन, बेल्जियम व दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड व कनाडा के बीच टक्कर होगी। 30 जुलाई को बेल्जियम-कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी व नीदरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन भिड़ेंगे। 31 जुलाई को कनाडा-दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी-नीदरलैंड और बेल्जियम व ग्रेट ब्रिटेन के मैच होंगे।
महिला वर्ग के ग्रुप ‘बी’ में ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूज़ीलैंड, स्पेन, चीन और जापान की टीमें हैं। ग्रुप ‘ए’ के मैचों का कार्यक्रम-25 जुलाई : भारत बनाम नीदरलैंड, आयरलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका। 26 जुलाई : ग्रेट ब्रिटेन बनाम जर्मनी; 27 जुलाई : नीदरलैंड बनाम आयरलैंड; दक्षिण अफ्रीका बनाम ग्रेट ब्रिटेन और भारत बनाम जर्मनी; 29 जुलाई : नीदरलैंड बनपाम दक्षिण अफ्रीका, ग्रेट ब्रिटेन बनाम भारत और जर्मनी बनाम आयरलैंड; 30 जुलाई : ग्रेट ब्रिटेन बनाम नीदरलैंड। 31 जुलाई : दक्षिण अफ्रीका बनाम जर्मनी, आयरलैंड बनाम भारत। 01 अगस्त : भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी बनाम नीदरलैंड और आयरलैंड बनाम ग्रेट ब्रिटेन।
ग्रुप ‘बी’ में 26 जुलाई : ऑस्ट्रेलिया बनाम स्पेन, जापान बनाम चीन, न्यूज़ीलैंड बनाम अर्जेंटीना। 27 जुलाई : ऑस्ट्रेलिया बनाम चीन, अर्जेंटीना बनाम स्पेन और जापान बनाम न्यूज़ीलैंड। 29 जुलाई : न्यूज़ीलैंड बनाम स्पेन, जापान बनाम ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना बनाम चीन। 30 जुलाई : जापान बनाम अर्जेंटीना, न्यूज़ीलैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया। 01 अगस्त : जापान बनाम स्पेन और अर्जेंटीना बनाम ऑस्ट्रेलिया।
रियो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा था। 1980 के मॉस्को ओलंपिक के बाद भारत पहली बार ‘नॉकआउट’ स्टेज पर पहुँचा था। ग्रुप लीग में भारत ने आयरलैंड को 3-2 से और अंत में स्वर्ण पदक जीतने वाली अर्जेंटीना की टीम को 2-1 से हराया। इसमें बड़ी बात यह थी कि पूरे टूर्नामेंट में अर्जेंटीना को केवल भारत के हाथों ही हार मिली। बाकी सभी मैच उसने जीते। यदि भारत ने कनाडा के साथ 2-2 से ‘ड्रॉ’ खेलने की जगह उसे हरा दिया होता तो तस्वीर और हो सकती थी। इसके अलावा भारत ने जो मैच जर्मनी और नीदरलैंड के साथ 1-2 के समान अंतर से हारे वे भी जीते जा सकत ेथे। नॉकआउट स्टेज पर भी बेल्जियम की भारत पर 3-1 से जीत मैच की असल कहानी नहीं बताती।
इस बार भारत के ग्रुप ‘ए’ में न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, अर्जेंटीना और मेजबान जापान की टीमें हैं। इनमें विश्व की एक नम्बर की टीम ऑस्ट्रेलिया और ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना के साथ जीतना काफी कठिन होगा। इनके अलावा स्पेन, न्यूजीलैंड और जापान ऐसी टीमें हैं, जिन्हें हराना उतना कठिन नहीं होना चाहिए। अपने ग्रुप में भारत यदि तीसरा या चौथा स्थान भी ले लेता है, तो उसके पास सेमी फाइनल में खेलने का अच्छा अवसर हो सकता है। नॉकआउट में खेलने के लिए भारत को पूल में कम से कम दो टीमों को हराना होगा। पिछले दिनेां में जो प्रदर्शन टीम ने किया है। उससे यह कोई कठिन नहीं लगता पर टीम को अपनी लय बरकरार रखना होगी। कुछ भी हो पर टीम के लिए डगर काफी कठिन है। भारत अपना पहला मैच 1976 की स्वर्ण पदक विजेता टीम न्यूजीलैंड के साथ खेलना है। इन टीमों के बारे में देखा जाए तो ओलंपिक में पहला मैच 1960 के रोम ओलंपिक के दौरान खेला गया था। यहाँ क्लॉडियस के नेतृत्व में गई भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 3-0 से हराया था। फिर 1968 में जबकि भारतीय टीम के दो कप्तान बनाये गये थे। यह थे गुरबश सिंह और पृथपाल सिंह। मैक्सिको के इस ओलंपिक में भारत अपना पहला ही मैच न्यूज़ीलैंड से 1-2 से हार गया था। यह पहला अवसर था जब भारत 32 साल बाद हॉकी का फाइनल नहीं खेला था।
महिला वर्ग : महिला वर्ग में भारत को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा। उसके पूल में नीदरलैंड, जर्मनी और ओलंपिक चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन जैसी टीमों के साथ आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें भी हैं। यदि आँकड़ों पर नज़र डालें तो नीदरलैंड, जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन के िखलाफ भारत की जीत की सम्भावना काफी कम है। इस कारण उसे आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के िखलाफ अच्छी जीत दर्ज करानी होगी। उस स्थिति में वह ‘नॉकआउट’ स्टेज में प्रवेश कर सकती है। पिछले ओलंपिक में भारतीय टीम केवल जापान से 2-2 का ‘ड्रॉ’ खेलकर केवल एक अंक जुटा पायी थी। पांच मैचों में से वह चार हारी थी। ग्रेट ब्रिटेन ने उसे 3-0 से और अर्जेंटीना ने उस पर 5-0 से जीत की थी।
इस बार हालात बदले हैं। इस बार उसके पूल में ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना की टीमें नहीं हैं और अमेरिका को उसने ‘क्वालीफाइंग’ स्तर पर ही हराकर टूर्नामेंट से बाहर करा दिया है। फिर भी टीम के लिए कुछ भी आसान नहीं होगा।