भारतीय लोकतंत्र के मेले के रूप में वीरवार (11 अप्रैल) को आम चुनाव 2019 का पहला चरण शुरू हुआ। इतनी भारी आबादी और इतने बड़े देश भारत में इसी साल अप्रैल और मई में सात चरणों में चुनाव पूरे हो सकेंगे। 23 मई को नतीजे आएंगे। इस भव्य आयोजन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उम्मीद जताई कि चुनाव में भाजपा की यदि जीत होती है तो वह इस उपमहाद्वीप में शांति के लिए बेहतर होगी। कश्मीर मसले के समाधान के लिए बातचीत हो सकेगी। दक्षिणपंथी भाजपा शायद कोई समाधान निकालने में कामयाब हो जाए। यदि कांग्रेस व दूसरे दल जीतते हैं तो वे पाकिस्तान से कोई सुलह की दिशा में इसलिए नहीं बढ़ेंगे क्योंकि उन्हें भाजपा से प्रतिघात का खतरा हमेशा रहेगा। विपक्षी दलों ने जहां इस बयान की आलोचना की है। वहीं भाजपा और भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कोई टीका-टिप्पणी नहीं की है। इससे राजनीतिक हलकों में काफी विस्मय है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में आए विदेशी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने अपनी टिप्पणी से भारतीय विपक्षी दलों के नेताओं में इस बात पर खलबली मचा दी है कि क्या भाजपा और पाकिस्तान के बीच कोई आपसी सहमति है जिसकी ओर इमरान की टिप्पणी इशारा कर रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच इधर तनाव इसलिए बढ़े क्योंकि पाकिस्तान में रह रहे जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी की शाम सीआरपीएफ के एक काफिले में शामिल एक बस को निशाने पर लिया जिसमें 40 जवान मारे गए। इसके बाद पाकिस्तानी सीमा के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के विमानों ने बम गिराए। भारत के दो विमान नष्ट हुए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके पूछा कि आखिर पाकिस्तान क्यों चाहता है कि आम चुनावों में भाजपा ही जीते? भारतीय प्रधानमंत्री को पूरे देश को यह जानकारी देनी चाहिए कि आखिर पाकिस्तान से उनके संबंध कितने गहरे हैं। यानी यदि भाजपा की आम चुनावों में जीत होती है तो पाकिस्तान में खुशी मनाई जाएगी।
कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाल ने कहा,’ इमरान की मोदी को आई शुभकामना से जाहिर है कि मोदी को वोट देना यानी इमरान खान को वोट देना है। मोदी का पहले नवाज शरीफ से प्यार था अब वे इमरान खान के सबसे बच्छे दोस्त हैं। लेकिन इमरान खान को एक बात यह भी समझनी चाहिए कि वे पाकिस्तान में पटाखे नहीं बजा पाएंगे क्योंकि भाजपा 2019 के चुनाव में जीतने नही जा रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा, मोदी को यह बताना चाहिए खान साहब क्यों भारतीय आम चुनाव में उनके लिए ‘बैटिंग’’ कर रहे हैं। क्या उनसे इस बात के लिए अनुरोध किया गया था।
हमारी चिंता यह है कि भारतीय लोकतंत्र में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में विदेशी सरकारें इसमें क्यों दिलचस्पी ले रही हंै। वे हमारी चुनावी प्रक्रिया को क्यों प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। पिछले दिनों यह जानकारी मीडिया से ही मिली थी कि आईएसआई चाहती है कि मोदी ही प्रधानमंत्री बने। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ही यह राज खोल दिया है । आईएसआई के सैनिक अड्डे पर भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया था। वे अकेले ऐसे व्यक्ति है जो बिना किसी न्यौते के भी पाकिस्तान चले गए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने विदेशी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि यदि 2019 के आम चुनावों में भाजपा फिर सत्ता में लौटती है तो कश्मीर के मसले के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान से एक तरह की शांतिवार्ता हो सकती है। ‘रायटर’ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के नेतृत्व वाले धड़े की जीत होती है तो वे इतने डरे होंगे कि पाकिस्तान से इसलिए कोई समझौता नहीं करेंगी क्योंकि उन्हें हर पल इस बात का खतरा सताएगा कि कहीं दक्षिणपंथी यानी शायद भाजपा जो दक्षिण पंथी पार्टी है कहीं विरोध का मोर्चा न खोल बैठे।
अब यह बात साफ हो गई है कि पाकिस्तान अधिकारिक तौर पर मोदी के साथ सहयोग कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शायद यही बात स्पष्ट कर रहे हैं। अब मोदी को एक भी वोट देने का मतलब इमरान खान को वोट देना है। यह कहना है कांग्रेस के मीडिय प्रभारी सुरजेवाला का। एक विदेशी ताकत का भारतीय चुनाव में संभावित हालातों पर अपनी संभावना जताना बताता है कि उसके हित देश के अंदर कितने ज़्यादा हैं। अभी अमेरिका में हुए चुनावों में सोवियत संघ की दखलांदाजी के आरोप पर वहां मुबाहिस चल ही रही है। इस बीच भारतीय उपमहाद्वीप में 2019 के आम चुनाव पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की टिप्पणी से संदेह के बगूले उडऩे सहज स्वाभाविक हैं। इस पर भारतीय विदेश मंत्री की खामोशी भी चिंता बढाती है।
अभी हाल तक यह माना जा रहा था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख अज़हर मसूद पाकिस्तान की ज़मीन पर आतंकवादी संगठन चलाता रहा है। पाकिस्तान पर दवाब बनाने का क्रम चल रहा है। अज़हर भूमिगत है और बीमार है। लेकिन महत्वपूर्ण है कि उस देश में जहां बडा़ सेटप घर था अब तितर-बितर किया जा रहा है। पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई का जि़क्र करते हुए इमरान पत्रकारों से कहते हैं जो आज यहां हो रहा है वह कभी पहले नहीं हुआ। हम कभी इस बात की अनुमति नहीं देंगे कि यहां हथियार बंद आतंकवादी घूमें। आतंकवाद के खिलाफ जो मुहिम पाकिस्तान में चल रही है वह पाकिस्तान के अपने लिए काफी ज़रूरी है।