कोरोना महामारी से बुरी तरह जूझ रहा अमेरिका अब अपने यहां बढ़ती बेरोजगारी से परेशान है। इसी साल चुनाव भी होने हैं, ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर वो कार्ड खेलना चाह रहे हैं, जिससे अमेरिकियों का खुद को मसीह साबित किया ज सके। अब इसी कड़ी में ट्रंप ने एच1-बी वीजा निलंबित करने की घोषणा की है।
इस फैसले से भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल को बड़ा झटका लगा है। ये निलंबन साल के आखिर तक वैध रहेगा। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, ये फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए लिया गया है। बता दें कि अमेरिका में बेरोजगारी ऐतिहासिक लेवल पर पहुंच चुकी है और क़रीब 4 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह कदम उन अमेरिकियों की मदद करने के लिए आवश्यक था, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के कारण अपनी नौकरी खो दी है। इसी साल नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों से पहले ये ऐलान करते हुए ट्रंप ने विभिन्न व्यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के बढ़ते विरोध की अनदेखी की है।
ट्रम्प प्रशासन का यह निलंबन 24 जून से लागू होगा। इससे बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे। यह उन आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगा जो अपने एच -1 बी वीजा को रिन्यू कराना चाहते थे।
ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले 2.4 लाख लोगों को झटका लग सकता है। बता दें कि अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को एच-1 बी वीजा कहते हैं। इस वीजा को कुशल कामगारों के लिए एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है। इसकी अवधि 6 साल तक कि होती है।