प्रियंका गांधी के पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनने के बाद राजनीति में काफी हलचल है और नेताओं का कांग्रेस की तरफ झुकाव बढ़ रहा है। शनिवार को इसी क्रम में बहराइच से बागी भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले कांग्रेस में शामिल हो गईं। यही नहीं फतेहपुर के पूर्व सांसद राकेश सचान ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
सावित्री फुले दलितों में जाना माना राजनीतिक और भाजपा से वे नाराज चल रही थीं। उधर सचान फतेहपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे हैं। कांग्रेस में प्रियंका के महासचिव बनने के बाद सक्रियता तो बड़ी ही है, दूसरे दलों के नाराज नेताओं का उसकी तरफ झुकाव भी बढ़ रहा है।
इन नेताओं के कांग्रेस ज्वाइन करने के समय खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद थे। सावित्री बाई फुले और राकेश सचान ने कांग्रेस में शामिल होते हुए राहुल नेतृत्व में आस्था जताई और कहा कि वे सभी धर्मों, जातियों को सम्मान की नजर से देखते हैं और उनमें देश का पीएम बनने के सभी गुण हैं।
फुले ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश में लगी है, इसलिए उसे रोकना बहुत जरूरी है। फुले ने कहा – ”भाजपा की दलित विरोधी नीतियों के चलते देश के पिछड़ों, दलितों और मुस्लिमों ने बीजेपी को सत्ता से हटाने का फैसला किया है। भाजपा को सिर्फ कांग्रेस ही रोक सकती है, इसलिए हम कांग्रेस का साथ देंगे और भाजपा को रोकेंगे।”
दिसंबर में फुले ने भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उनका यह भी आरोप था कि दलित सांसद होने की वजह से उनकी कभी बात नहीं सुनी गई और हमेशा उपेक्षा की गई।
उधर समाजवादी रहे राकेश सचान ने कहा कि समाजवादी पार्टी में उनकी अनदेखी होने लगी थी, जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आने का फैसला किया। उन्होंने कहा – ”जब तक समाजवादी पार्टी की कमान नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के हाथ में थी, तब तक हम जैसे जमीनी लोगों का सम्मान होता था लेकिन अब सबकुछ बदल गया है। एक साल पहले मुझे भरोसा दिलाया गया था कि फतेहपुर से मुझे लोकसभा का टिकट दिया जाएगा लेकिन गठबंधन में यह सीट बसपा को दे दी गई। कार्यकर्ताओं और जनता के मन के मुताबिक मैंने कांग्रेस में आने का फैसला किया।”