उत्तर प्रदेश चुनाव में भले ही अभी 3 महीने से कम का समय बचा है पर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज है। प्रदेश में भाजपा में सपा, कांग्रेस सहित बसपा के नेता शामिल हो रहे है। जिसके चलते भाजपा का दबदबा बढ़ रहा है।
वहीं अन्य पार्टी के नेताओं में इस बात की आशंका है कि चुनाव आते-आते कहीं वो भाजपा में शामिल हो गये तो चुनाव जीतना तो दूर जन सभा में जनता के बीच रैलियां करना मुश्किल हो जायेगा।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश के बड़े नेताओं के अलावा दिल्ली आलाकमान तक उत्तर प्रदेश के नेताओं जो अन्य दल में है भाजपा में शामिल होने की जुगत लगा रहे है। और भाजपा से टिकट पाने की कोशिश कर रहें है।
गत दिनों पहले सपा और बसपा के 7-8 विधायकों ने भाजपा का दामन थामा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि, भाजपा की जिला इकाई से लेकर गांव-गांव तक इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा में शामिल करवाया जाये ताकि 2022 में भाजपा की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बन सकें।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सी सी सिंह का कहना है कि भाजपा जो भी चुनाव जीतती रही है। वो शहरी मतदाता के सहारे पर गांव में समाजवादी पार्टी का वोट रहा है। गांव के लोग आज भी समाजवादी पार्टी को पसंद करते है। भाजपा सत्ता की धमक और चमक की दम पर भाजपा में शामिल करना चाहती है।
उन्होंने आगे बताया कि, जो भी विधायक या पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो रहे है। उनको पता कि समाजवादी पार्टी उनको टिकट देने वाली नहीं है। इसलिये वो भाजपा में शामिल हो रहे है। फिलहाल चुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच चुनावी मुकाबला हो सकता है।