केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर सीट से भाजपा की प्रत्याशी मेनका गांधी ने अपने हलके के मुसलमानों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने भाजपा के पक्ष में वोट नहीं दिया तो वे उनके किसी काम नहीं आएंगी। सोशल मीडिया पर उनके एक वायरल वीडियो में मेनका साफ कहते सुनाई दे रही हैं कि वोट नहीं दोगे तो नौकरी मांगने मत आना। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी अपने एनआरसी पर दिए विवादित ब्यान पर आलोचनाओं में घिरे हैं।
इस वीडियो में मेनका गांधी जनता से वोट का आग्रह करते हुए कमोवेश ”सौदेबाजी” जैसे भाव में बात करती दिख रही हैं। वीडियो में मेनका गांधी कह रही हैं – मैं जीत रही हूं। लोगों की मदद और प्यार से। लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा, क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने ही दो, क्या फर्क पड़ता है? आखिर नौकरी एक सौदेबाजी ही तो होती है। हम सब महात्मा गांधी की छठवीं औलाद तो हैं नहीं कि हम देते ही जाएंगे और फिर इलेक्शन में मार खाते जाएंगे।”
मेनका अपने संसदीय क्षेत्र की जिस सभा को संबोधित कर रही हैं, वहां ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के ही दिखाई दे रहे हैं। मेनका यह भी कहती हैं कि ”मैं आपके पास दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं। लेकिन, अगर चुनाव नतीजों के समय के आपके पोलिंग बूथ से हमारे लिए सिर्फ सौ या पचास वोट निकले तो समझ लीजिएगा। इससे पहले, मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी ने भी २००९ में पीलीभीत में चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में कहा था – ”अगर कोई हिंदुओं की ओर हाथ बढ़ाता है या फिर ये सोचता हो कि हिंदू नेतृत्वविहीन हैं तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूं कि मैं उस हाथ को काट डालूंगा।” उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था जिस पर वरुण गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी।