राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि पिछले छह महीने से उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा जा रहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा यह षड्यंत्र कर रही थी और सचिन पॉयलट भाजपा के हाथ खेल रहे हैं। गहलोत ने यह बात मंगलवार दोपहर राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने के बाद कही।
गहलोत ने कहा कि ”भाजपा की साजिश” नाकाम हो गयी है। वह खुला खेल खेल रही थी। ऐसा ही उसने मध्य प्रदेश में भी किया था। गहलोत ने इस मौके पर यह भी दावा किया कि ”बहुमत से ज्यादा” विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है। गहलोत ने सचिन पायलट और उनके समर्थकों से ज्यादतीन के आरोपों को लेकर कह कि ”मैंने कोई भेदभाव नहीं किया”।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि सचिन को अवसर भी दिया गया। कहा कि मजबूरी में कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला किया है। हमने उनको वापसी का पूरा अवसर दिया।
जनता समझ गयी है, उनपर दबाव है।
इस बीच पार्टी के अपने प्रति फैसले के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट करके कहा – ”सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं”। चर्चा है कि सचिन या तो अपनी पार्टी बना सकते हैं या भाजपा में जा सकते हैं, हालांकि, उनके बहुत से समर्थक भाजपा में जाने के खिलाफ हैं। संभावना है कि पॉयलट क्षेत्रीय दल या किसान मोर्चा जैसा कोई संगठन बनाने का आने वाले दिनों में ऐलान कर सकते हैं। वैसे वे अभी भी कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य हैं, और उन्हें इससे नहीं हटाया गया है।
इस बीच सचिन पॉयलट को लेकर हुए फैसले के बाद दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वे मुलाकात की है। इसमें दोनों में किस बात पर चर्चा हुई, इसकी जानकारी नहीं है।
इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के संकट के बीच पार्टी ने मंगलवार को घोषणा की कि भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार गिराने का षडयंत्र रचने और उन्हें समझाने के बावजूद सरकार गिराने की कोशिश करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, दो मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सचिन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। गोबिंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है।
दोपहर एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और आलाकमान के दूतों रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। सुरजेवाला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हेम सिंह शेखावत को सेवा दल का अध्यक्ष जबकि विधायक गणेश घोगरा को प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। पॉयलट को हालांकि, अभी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से नहीं हटाया गया है, लेकिन उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस शब्द हटा लिया है।
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने एक षड्यंत्र करके पूर्ण बहुमत से चुनी सरकार को गिराने की कोशिश की है। ईडी और आयकर विभाग के जरिये सरकारी इदारों का केंद्र की भाजपा सरकार ने गहलोत सरकार को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा।
विधायक दल की बैठक में यह सारे फैसले किये गए और एक प्रस्ताव पास किया गया। गहलोत खेमे ने दावा किया है उसके पास बहुमत है और सरकार को कोई खतरा नहीं है। अब देखना है कि सचिन पायलट क्या फैसला करते हैं उनके गुट के ज्यादातर विधायक किसी भी सूरत में भाजपा में नहीं जाना चाहते हैं।
तीन दिन से चल रहे घटनाक्रम के बाद यह नतीजा निकला है। बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पूरी ताकत कांग्रेस के सरकार बनाने के लिए झौंक देने वाले सचिन पायलट को ऐसे कांग्रेस से जाना पडेगा, शायद इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।