दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत को लेकर आप पार्टी भले ही गदगद है। पर कांग्रेस और भाजपा ने अभी से दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर कमर कस ली है। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर जोर आजमाइश इस बात को लेकर चल रही है कि दिल्ली में कांग्रेस को ऐसे प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत है जो आगामी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस की डूबती नईयां को पार लगा सकें। क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपडा़ ही साफ ही नहीं हुआ है बल्कि कांग्रेस का वोट 4 प्रतिशत तक आ गया है। और आरोप भी इस बात के लिये लग रहे है कि कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिये आप पार्टी के लिये बरदान दिया है।कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर भी इस बात को लेकर काफी बहस बाजी चल रही है कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम में चुनाव मं अच्छा प्रदर्शन ही नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा सीटें नहीं जीती तो दिल्ली में कांग्रेस को फिर खड़ा करना मुश्किल होगा। मौजूदा हालात में कांग्रेस को अपने खोये हुये हुये जनाधार पाने के लिये और निगम जीत दर्ज कराने के लिये काफी मेहनत करनी होगी।
भाजपा को दिल्ली में मिली करारी हार से उभरने के लिये बस एक ही अवसर है जो दिल्ली नगर निगम में भाजपा आप पार्टी की तरह ऐतिहासिक जीत दर्ज कर एक कीर्तिमान स्थापित करें। क्योंकि भाजपा के नेताओं का कहना है कि अगर दिल्ली में आप की फ्री स्कीमें चलती रही है तो वो दिन दूर नहीं कि आप पार्टी दिल्ली नगर निगम में झंडे गाड दें। क्योंकि दिल्ली में आप की हवा ही नहीं बल्कि आंधी है। भाजपा के नेताओं ने बताया कि दिल्ली आप पार्टी के पीछे कांग्रेस और भाजपा है। ऐसे मे जनता उसी के साथ है जो उनको ज्यादा से ज्यादा फ्री की सुविधा दें। दिल्ली में विकास को तो होता रहता है। बस जनता को फ्री की सुविधाओं से ही मतलब है। कांग्रेस और भाजपा इस समय आप पार्टी के फ्री वाली सुविधाओं का तोड़ नहीं निकाल पा रहे है। ऐसे में आप पार्टी ही दिल्ली में लोकप्रिय पार्टी बनी हुई है।