वायु प्रदूषण के कारण एक आम भारतीय की उम्र डेढ़ साल तक कम हो जाती है, ऐसा एक अध्यन में सामने आया है।
अध्यन करने वाले वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि हवा की बेहतर गुणवत्ता से दुनियाभर में मनुष्य की उम्र बढ़ सकती है।
पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ यह पहली बार है जब वायु प्रदूषण और जीवन अवधि पर डेटा का एक साथ अध्ययन किया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें वैश्विक अंतर कैसे समग्र जीवन प्रत्याशा पर असर डालता है।
अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वायुमंडल में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोन से छोटे कण (पीएम) से वायु प्रदूषण का अध्ययन किया। ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और इससे दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक्स, श्वसन संबंधी बीमारियां तथा कैंसर होने का खतरा होता है।
पीएम 2.5 प्रदूषण बिजली संयंत्रों, कारों और ट्रकों, आग, खेती और औद्योगिक उत्सर्जन से होता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि इससे प्रदूषित देशों जैसे बांग्लादेश में 1.87 वर्ष, मिस्र में 1.85, पाकिस्तान में 1.56, सऊदी अरब में 1.48, नाइजीरिया में 1.28 और चीन में 1.25 वर्ष तक आयु कम होती है।
अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण से भारत में व्यक्ति की औसत आयु 1.53 वर्ष तक कम होती है।